अररिया. शनिवार को न्याय मंडल स्थित फैमिली जज के प्रकोष्ठ में सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी की बैठक बुलाई गयी. इसकी अध्यक्षता फैमिली जज सह सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी के अध्यक्ष अविनाश कुमार टू ने की. फैमिली जज अविनाश कुमार टू ने कहा कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रणाली है. जिसमें एक निष्पक्ष मध्यस्थ वादी व प्रतिवादी को अपने झगड़े या मामले को आपसी समझ व सम्मति से सुलझाने में सहायता करता है. यह प्रक्रिया गोपनीय व ऐच्छिक तो है ही, इसमें भागीदारी करने का भी मौका मिलता है. बताया गया कि मामले से जुड़े सभी पक्षों को अपनी बात कहने का और आपसी विवाद के समाधान तैयार करने का अवसर मिलता है. यही कारण है कि मध्यस्थता एक मिली जूली प्रक्रिया है. इसमें झगड़ा समाप्त करने की वादियों की अपनी इच्छा और उन्हें समाधान तक ले जाने का मध्यस्थ का कोशल, दोनों शामिल हैं. इसलिए न्यायार्थियों को अपने किसी भी प्रकार के वादों के निबटारे के लिए मध्यस्थता का रुख करना ही चाहिए. इससे न्यायार्थियों को फायदा ही मिलेगा. इसलिए वादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का रुख जरूरी है. इसके लिए मुकदमाओं में समझौता के लिए मुकदमबाजों को मध्यस्थता का रुख करने की सलाह दी गयी. उन्होंने उपस्थित सदस्यों से कहा कि न्यायालयों में जितनी तेजी से मुकदमा हो रहे हैं. उतनी तेजी से उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है. इससे न्यायालय में मुकदमाओं की बढ़ोतरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. मुकदमाओं के इस बोझ को कम करने में मध्यस्थता काफी हद तक सहयोगी सिद्ध हो रहा है. एडीजे 04 सह सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी के सदस्य रवि कुमार ने भी मध्यस्थता की राह अपनाने की बात का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता से कई अनसुलझे मामले सुलझ सकते हैं. एसीजेएम सह डीएलएसए सेक्रेटरी रोहित श्रीवास्तव व मुंसिफ सह सुपरभाइजरी सह मेडिएशन कमेटी कर जॉइंट सेक्रेटरी सह प्रभारी जज इंचार्ज उदयवीर सिंह ने भी कई सुझाव दिये. मौके पर लोक अभियोजक (पीपी) रामानंद मंडल, सरकारी वकील अशोक कुमार पासवान, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष तपन कुमार बनर्जी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय, मेडिएशन सेंटर के प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता सह सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी के सदस्य क्रमशः बिनीत प्रकाश व कुमारी वीना, नीरज प्रसाद आदि मौजूद थे.
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