प्रतिनिधि, अररिया. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सीमांचल विकास मोर्चा के संस्थापक व अररिया के पूर्व सांसद सरफराज आलम ने वक्फ संशोधन कानून का जमकर विरोध किया व कहा कि ये काला कानून लोकतंत्र व संविधान विरोधी है. इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जायेगा सरफराज आलम ने पिछले दिनों अररिया में वक्फ कानून के खिलाफ निकाले गये विरोध प्रदर्शन की सफलता पर इसमें शामिल सभी लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस काले कानून का अररिया में विरोध प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा. इसके लिए उन्होंने सभी मिल्ली, धार्मिक, सामाजिक व सेकुलर विचारधारा के सभी राजनीतिक दलों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया. खासकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारतें शरिया बिहार झारखंड उड़ीसा और बंगाल, जमाते इस्लामी हिंद, जमीयतुल उलमाए हिंद, तब्लीगी जमात व विभिन्न सामाजिक संगठनों को खास तौर से बधाई दी. कहा कि अररिया में पहली बार इस काले कानून को लेकर सड़कों पर जो जन सैलाब उमड़ा, वह ऐतिहासिक था. पूर्व सांसद सरफराज आलम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपनी असफलता को छुपाने के लिए देश में विभाजन की नीति पर काम कर रही है, उन्हें पता होना चाहिए भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है. यहां सभी जाति, धर्म व समुदाय को अपनी धार्मिक आजादी के साथ रहने का संवैधानिक अधिकार है. लेकिन मोदी व अमित शाह की सरकार ने पूरे देश में मुसलमानों को टारगेट कर नफरत का माहौल बना दिया है.
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