सिकटी. प्रखंड क्षेत्र में दो दिन से हुई माॅनसून की बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ा है, लेकिन स्थिति सामान्य है, बकरा व नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि को देखकर नदी किनारे बसे लोगों को बाढ़ आने का भय सताने लगा है. रविवार को दोनों नदी का जल स्तर बढ़ रहा. अररिया जिले का सिकटी प्रखंड हर वर्ष प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर बाढ़ की मार झेलता है. यह प्रखंड इस जिले का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो कृषि पर आधारित है. इस क्षेत्र से होकर बहने वाली बकरा व नूना नदी यहां की जीवनरेखा कही जाती हैं. वहीं बरसात के दिनों में इन नदियों के जल स्तर में वृद्धि से बाढ़ की आशंका बनी रहती है. मानसून के दौरान प्रखंड व इसके आस-पास के क्षेत्रों में हो रही लगातार भारी वर्षा से बकरा व नूना नदी के जल स्तर को सामान्य से ऊपर पहुंचाता है. नेपाल की ओर से बहकर आने वाली नदियों के जलस्तर में वृद्धि का सीधा असर इन दोनों नदियों पर भी पड़ता है. जिसके कारण नदियों के किनारे बसे गांवों में अतिक्रमण व जल निकासी की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण पानी जल्दी फैलता है. प्रखंड क्षेत्र में ड्रेनेज प्रणाली कमजोर होने के कारण जल का बहाव बाधित होता है, जिससे बाढ़ की स्थिति तेजी से बनती है. इस क्षेत्र की अधिकांश जनता कृषि पर निर्भर है.बाढ़ आने की स्थिति में खेतों में लगी फसलें नष्ट हो जाती है. बाढ़ के कारण घरों में पानी भरने, संक्रामक बीमारियों के फैलने व लोगों के विस्थापन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. जलभराव के कारण ग्रामीण इलाकों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट सकता है, जिससे राहत कार्य भी प्रभावित हो सकता है. बकरा व नूना नदी जहां एक ओर सिकटी प्रखंड की कृषि और पारिस्थितिकी के लिए आवश्यक हैं. सीओ मनीष कुमार चौधरी ने कहा कि प्रशासन द्वारा नदियों के जल स्तर की लगातार निगरानी की जा रही है. बाढ़ आश्रय स्थल को दुरुस्त किया जा रहा है.
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