मदरसा इस्लामिया हाशमी हाटगांव में दो कमेटियों के बीच आपसी विवाद
अररिया. जिले के पलासी प्रखंड क्षेत्र के मदरसा इस्लामिया हाशमी हाट गांव (मदरसा संख्या 387) इन दिनों अंदरुनी खींचतान व दो कमेटियों के आपसी विवाद के कारण चर्चा में है. दोनों ही कमेटियां स्वयं को सही ठहरा रही हैं, लेकिन इस मामले में एक नयी कमेटी का गठन क्षेत्र में चिंता व सवालों का कारण बन गया है. इस नयी कमेटी में सिर्फ एक ही परिवार के सदस्यों को शामिल कर बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड पटना में स्वीकृति हेतु फाइल भेज दी गयी है. गांव के निवासी मो तौहीद ने बताया कि मदरसा इस्लामिया हाशमी हाटगांव की नयी गठित कमेटी में पिता महमूद आलम को सचिव, बेटा रिजवान सलीमी को सदस्य, बेटी हीना सलीमी को प्रतिनिधि अध्यापिका, बेटा नोमान सलीमी को प्रभारी प्रधानाध्यापक व भतीजा मो सादिक को सदस्य नामित किया गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एक ही परिवार के सभी सदस्यों पर आधारित कमेटी कानून के अनुरूप हो सकती है. क्या यह बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड के नियमों व दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं है. इसी तरह गांव के मो शमशाद आलम, मो नोशाद आलम सहित अन्य ने भी एक परिवार केंद्रित कमेटी के गठन व इसे स्वीकृति के लिए बोर्ड में फाइल जमा करने पर असंतोष व नाराजगी व्यक्त की है. उनका कहना है बोर्ड को गुमराह कर स्वीकृति प्राप्त करना चाहती है, ताकि मदरसे पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया जाये और जनता की भागीदारी समाप्त कर दी जाये.स्थानीय लोगों ने बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड पटना व बिहार शिक्षा विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा कि यदि इस प्रकार की कमेटी को स्वीकृति दी गयी तो यह कानून का मजाक उड़ाने जैसा होगा. क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था के साथ भी खिलवाड़ होगा. उल्लेखनीय है कि बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड के नियमों के अनुसार कमेटी में पारदर्शिता, जनप्रतिनिधित्व व क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, ताकि मदरसा पर केवल एक परिवार का कब्जा न हो सके. अन्य लोगों को भी मदरसा की प्रगति में सहभागी बनने का अवसर प्राप्त हो. ग्रामीणों का कहना है कि मदरसा पर जनता का अधिकार है, किसी भी स्थिति में वे इसे एक परिवार की जागीर में तब्दील नहीं होने देंगे.
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