आरा. भाकपा-माले के नेतृत्व में सैकड़ों बाढ़पीड़ितों ने शनिवार को जिला समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. धरने का संचालन माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रितम ने किया. प्रदर्शन में शाहपुर, बड़हरा, कोईलवर और आरा मुफस्सिल क्षेत्र के पीड़ित शामिल थे. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि प्रभावित क्षेत्रों को बाढ़ग्रस्त घोषित किया जाये और सभी बाढ़पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान की जाये. धरने में माले राज्य कमेटी सदस्य क्यामुदीन अंसारी, आरा मुफस्सिल सचिव विजय ओझा, शाहपुर प्रखंड सचिव हरेंद्र, कोईलवर प्रखंड सचिव विष्णू ठाकुर, बड़हारा प्रखंड सचिव नंद, एपवा की नेत्री इंदु देवी और संगीता सिंह, आरा नगर सचिव सुधीर सिंह, एरिया सचिव रणधीर राणा समेत कई नेता उपस्थित थे. प्रदर्शनकारियों ने डीडीसी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें शाहपुर के जवइनिया गांव के विस्थापितों को पांच डिसमिल जमीन और पक्का मकान देने, जीविका समूहों और अन्य कर्ज माफ करने, बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत कराने, दवा छिड़काव और मेडिकल कैंप लगाने जैसी मांगे शामिल थीं. इसके अलावा उन्होंने चलंत शौचालय की व्यवस्था, कंक्रीट ठोकर बांध निर्माण, फसल क्षति का मुआवजा, अगली फसल हेतु खाद-बीज उपलब्ध कराने, पीड़ित परिवारों की सूची में सुधार, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और मवेशियों के लिए चारा देने की भी मांग की. उन्होंने गंगा नदी के कटाव से प्रभावित गांवों को बचाने के लिए ठोकर बांध निर्माण और पुराने बांधों की मरम्मत पर भी जोर दिया. सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि सरकार बाढ़ से निपटने के लिए न तो ठोस योजना बनाती है और न ही राहत कार्यों को सही तरीके से अंजाम देती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहत सामग्री जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रही है और अधिकारी भ्रामक रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने बाढ़ राहत घोटाले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. भाकपा-माले नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गयीं, तो वे जिलेभर में बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.
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