चरपोखरी. चरपोखरी प्रखंड के पसौर गांव के किसान सिंचाई संकट की वजह से गंभीर परेशानी में हैं. धान रोपनी के बाद पानी की कमी से करीब पांच हजार किसान हताश हैं, क्योंकि उनके खेत सूख रहे हैं और धान का बिचड़ा पीला पड़ रहा है. किसान मनोज मिश्रा, हड़ताल यादव, अनिल सिंह और अमरेंद्र सिंह ने बताया कि सिंचाई का एकमात्र स्रोत काली-बाली करहा है जो कई जगह से टूटा हुआ है और इसकी उड़ाही कई वर्षों से नहीं हुई है. इस कारण पानी खेतों तक पहुंचने के बजाय व्यर्थ बह जाता है. किसानों का आरोप है कि करहा की मरम्मत के नाम पर सरकारी धन निकाला गया, लेकिन जमीन पर केवल लीपापोती की गयी है. किसान दीपू साह ने कहा कि उनकी पूरी आजीविका खेती पर निर्भर है, लेकिन प्रशासन उनकी समस्या के प्रति उदासीन है. सिंचाई संकट से किसानों में गहरा आक्रोश है और उन्होंने प्रशासन से तुरंत करहा की मरम्मत करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आत्मदाह तक करने को मजबूर होंगे. पसौर के किसानों का यह संकट सरकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार का उदाहरण है, जहां विकास कार्यों के नाम पर पैसा खर्च होता है लेकिन आम जनता को उसका लाभ नहीं मिलता. लघु जल संसाधन विभाग आरा के कार्यपालक अभियंता से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं होने के कारण कोई जवाब नहीं मिला. अब देखना होगा कि प्रशासन किसानों की समस्या को गंभीरता से लेता है या नहीं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है