गड़हनी. शनिवार को गड़हनी साहिला पुल के पास एक निजी हॉल में प्रखंड के सभी ग्रामीण चिकित्सकों ने एक बैठक किया. चिकित्सकों का कहना है कि जानबूझ कर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आए दिन हमलोगों को तंग किया जा रहा है. साथ ही कहा कि एनआइएस के द्वारा ग्रामीण चिकित्सकों को सरकार ने एक साल का ट्रेनिंग कराया था जिसके आलोक में ग्रामीण चिकित्सक अपने क्षेत्र में ग्रामीणों का प्राथमिक उपचार कर सके. उसका सभी ग्रामीण चिकित्सकों को सर्टिफिकेट भी मिला था लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सरकार के दबाव में ग्रामीण चिकित्सकों पर आए दिन तंग एम प्रताड़ित किया जा रहा है जो गलत नीति है. इसको लेकर शनिवार को गड़हनी में प्रखंड के सभी ग्रामीण चिकित्सकों ने एक बैठक किया और स्वास्थ्य विभाग द्वारा चल रहा दुकान में तालाबंदी व शील करने के खिलाफ सभी ने गोलबंद हुआ. निर्णय लिया गया कि हम सभी ग्रामीण चिकित्सक एक प्रतिनिधि मंडल बनाकर भोजपुर सीएस व जिलाधिकारी से मिलकर इस पर रोक लगाने की गुहार लगायेंगे. बता दें कि यही ग्रामीण चिकित्सकों ने कोरोना काल में ग्रामीण लोगों का जान बचाया था, नहीं तो कितने लोगों की जान जा सकती थी. ऐसे ग्रामीण चिकित्सकों पर इस समय स्वास्थ्य विभाग क्लिनिक शील करने की मुहिम चला रहा है. इस पर जल्द से जल्द रोक लगाया जाये. जबकि कोरोना काल में सरकारी डॉक्टर व डिग्री धारक अपना क्लिनिक बंद पर भाग गये थे. लेकिन ग्रामीण चिकित्सक ही लोगों का सहारा बना था. इस मौके पर शेष कुमार, के के सिंह, सुजीत कुमार, के के शर्मा, दीपक कुमार, विभा कुमारी, मिथलेश कुमार, रमेश कुमार, बिनोद कुमार, मुना कुमार तिवारी, रंजन कुमार, कमलेश कुमार, बिमला कुमारी गुप्ता सहित कई लोग उपस्थित थे.
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