Bihar Politics: साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की गोटियां अभी से सेट की जाने लगी है. छोटी पार्टियां बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन करने और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गई है. वहीं, वो पार्टियां जो फिलहाल किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं वह भी गठबंधन की तैयारी कर रही है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिहार में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है.

AIMIM ने 2020 में की थी गठबंधन की कोशिश: आदिल हसन
AIMIM के प्रवक्ता आदिल हसन ने मंगलवार को राजधानी पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हम महागठबंधन के साथ गठबंधन करने में रुचि रखते हैं. हम इसे लेकर बहुत सकारात्मक हैं. हमारी विचारधारा भाजपा को हराना और बिहार को सशक्त बनाना है.” 2020 में भी पार्टी ने महागठबंधन से गुजारिश की थी. हमारा मकसद भाजपा को हराना है. बिहार में एनडीए की सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की क्या स्थिति है, यह सर्वविदित है. वर्ष 2014 में बिहार ने एनडीए को 32 सांसद दिए, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद दिए, लेकिन भाजपा ने बिहार को कुछ नहीं दिया.
पार्टी ने बता दी गठबंधन की शर्त
एआईएमआईएम के प्रवक्ता ने कहा, “महागठबंधन में राजद बड़ी पार्टी है. तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनना है. एआईएमआईएम ने कभी मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं की है. हमारी मांग केवल सीमांचल को आर्थिक पैकेज और विशेष दर्जे की है. इस पर अगर राजद तैयार है तो हम साथ आने को तैयार हैं.”
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तेजस्वी को दिखाना पड़ेगा बड़ा दिल: AIMIM
उन्होंने कई सरकारों को समर्थन देने का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस अगर तेलंगाना में एआईएमआईएम को सम्मान दे रही है तो बिहार में भी तेजस्वी यादव को बड़ा दिल दिखाना पड़ेगा. यूपीए में हम साथ रह चुके हैं, तो फिर क्या परेशानी है. उन्होंने यह भी कहा कि जब बड़ा दिल नहीं दिखाएंगे तो दो लोग लड़ेंगे, तीसरे को लाभ होगा. बता दें कि फिलहाल महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वामपंथी दल और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं.