कई श्रद्धालु दंडवत करते पहुंचे मंदिर तक, जयकारों से गूंजा इलाका
फोटो नंबर-1- पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचे श्रद्धालु.
1ए-हॉस्पिटल मोड़ पर गाड़ी रोकती पुलिस
प्रतिनिधि, देव
सूर्यनगरी के रूप में प्रचलित देव धाम में रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. पौराणिक देव सूर्य मंदिर में सावन मास के रविवार को हजारों लोगों ने पहुंचकर भगवान भास्कर की पूजा की. अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गयी थी, जो दोपहर बाद तक लगी रही. सावन के कारण भगवान भास्कर के दर्शन व पूजन के लिए काफी संख्या में भक्त लालायित दिखे. औरंगाबाद के अलावा गयाजी, जहानाबाद, अरवल, रोहतास, झारखंड के गढ़वा, पलामू सहित अन्य जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने देव पहुंचकर भगवान सूर्य के दर्शन किये. सूर्य मंदिर न्यास समिति ने भीड़ के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम कर रखा था. मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए दो लाइन बनाये गये थे. एक पुरुष के लिए तो दूसरी महिलाओं के लिए. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से विधि-व्यवस्था और सुरक्षा के लिए तमाम रूट पर पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. जाम न लगे, इसके लिए प्रशासन ने पार्किंग की व्यवस्था भी की थी. दर्शन करने में श्रद्धालुओं को कोई भी परेशानी न हो, इसका पुलिस प्रशासन ने पूरा ख्याल रखा और सारे वाहन को थाना के पास रामलीला मैदान में खड़ा करवाया और श्रद्धालुओं को वहां से पैदल यात्रा कर भगवान सूर्य का दर्शन पूजन करने में सहयोग किया. इधर, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सूर्यकुंड तालाब में डुबकी लगायी और सीधे सूर्य मंदिर पहुंचे.नागर शैली में किया गया है देव मंदिर का निर्माण
बता दें कि इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. काले पत्थरों को तरासकर मंदिर का निर्माण कराया गया है. देश में भगवान सूर्य के कई प्रख्यात मंदिर हैं, लेकिन, देव में छठ करने का अलग महत्व है. मंदिर को लेकर कई किवदंती है. औरंगाबाद से 18 किलोमीटर दूर देव सूर्यमंदिर करीब 100 फीट ऊंचा है. मान्यता है कि इस सूर्य मंदिर का निर्माण त्रेता युग में भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं किया था. यहां लाखों श्रद्धालु छठ करने विभिन्न प्रदेशों से आते हैं. मान्यता है कि जो भक्त यहां भगवान सूर्य की आराधना मन से करता हैं, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.रविवार को पूजा के लिए जुटती है श्रद्धालुओं की भीड़
मुख्य पुजारी आचार्य राजेश पाठक व सुभाष पाठक ने बताया कि ऐसे तो हर रविवार को भीड़ होती है, लेकिन कुछ खास मौके पर भगवान के दर्शन का अलग महत्व है. मान्यता है कि इस मंदिर में सदियों से लोगों को मनोवांछित फल मिलता आ रहा है. यही कारण है कि प्रत्येक दिन और खासकर रविवार को इस मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है. चैत व कार्तिक छठ मेले के दौरान यहां दर्शन-पूजन की अपनी एक विशिष्ट धार्मिक महत्ता है. वैसे तो सूर्य मंदिर में सालोंभर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. श्रद्धालु अलग-अलग राज्य से यहां छठ पूजा कर मुरादें मांगने आते हैं. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गयी मुराद अवश्य पूरी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है