औरंगाबाद ग्रामीण. जिला मुख्यालय औरंगाबाद से लगभग पांच किलोमीटर की दूर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ व तीर्थ स्थल शतचंडी धाम रायपुरा में आद्रा मेला का शुभारंभ 22 जून को होगा. इस वर्ष आद्रा मेला 22 जून से शुरू होकर छह जुलाई तक चलेगा. पुण्यदायिनी बटाने के पावन तट पर स्थित शतचंडी धाम में प्रतिवर्ष आद्रा मेले के अवसर पर हजारों श्रद्धालु भक्तों का आगमन होता है. बटाने नदी में लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं. शतचंडी माता की विशेष पूजा आराधना करते हैं. कुछ श्रद्धालु भक्तों का मनौती होता है जो पूरा होने पर पुनः दूसरे वर्ष यहां आकर विशेष पूजा पाठ करते हैं. शतचंडी धाम न्यास समिति के सचिव राजेंद्र सिंह एवं महोत्सव आयोजन समिति के उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आद्रा मेले के अवसर पर स्थानीय स्तर पर तो लोग आते ही हैं दूसरे जिले एवं अन्य राज्यों के लोग भी आकर यहां पूजा पाठ करते हैं. शक्ति के उपासक भक्त अपनी साधना को पूर्ण करने के लिए विशेष पूजा करते हैं. मेले में धार्मिक उपादान से संबंधित दुकानें लगती हैं बच्चों के मनोरंजन के लिए भी झूला आदि का आयोजन किया जाता है खान-पान एवं जलपान की विभिन्न दुकानें लगती हैं. हाट बाजार से संबंधित लोग भी यहां आकर खरीदारी करते हैं. जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने कहा कि माता की महिमा अपरंपार है. इस स्थल पर माता का रक्तिम हस्त गिरने का प्रमाण मिलता है. अगल-बगल लगभग सैकड़ो ग्राम के कुलदेवी के रूप में पूजी जाती हैं. आद्रा नक्षत्र में जो भी श्रद्धालु भक्त इस स्थल पर पूजा पाठ करते हैं उनका पूरा साल शांतिपूर्ण व्यतीत होता है. इस वर्ष आद्रा नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश के साथ ही 22 जून को ही चतुर्मेघ नामक मेघ सक्रिय हो जायेगा, जिससे अच्छी बारिश होने की संभावना है. इस नक्षत्र में सूर्य के गोचर को वर्षा ऋतु के आगमन और कृषि कार्यों के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है.
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