कुटुंबा.
भारतमाला परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्कीम है. एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में भूमि अधिगृहित की गयी है. हालांकि, अधिकतर रैयतों को अभी मुआवजे की राशि नहीं भुगतान करायी गयी है. इसके लिए उन्हें कई मुश्किल के दौर से गुजरना पड़ रहा है. ऐसी विपरीत परिस्थिति में सड़क निर्माण कंपनी सोमवार को बलिया गांव में पुलिस लेकर पहुंच गई और जबरन एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य शुरू कराने का प्रयास किया. इसी क्रम में किसानों ने इसका विरोध जताते हुए निर्माण कार्य रोक दिया. ग्रामीणों ने बताया कि सीओ चंद्र प्रकाश के साथ सैकड़ों पुलिस बल की मौजूदगी में कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू करवाने का प्रयास किया था. किसानों का कहना है कि अभी तक मुआवजा निर्धारण को लेकर कई किसानों ने कोर्ट में केस किया है. जब मामला न्यायालय में चल रहा है और इसका समाधान न्यायालय द्वारा अब तक नहीं हुआ है, तब तक कार्य शुरू नहीं करने दिया जायेगा. इसके अलावा कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पहले से एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए जितनी भूमि चिन्हित कर मापी की की गयी थी, उसी आधार पर किसानों को सरकार द्वारा तय किये गये मुआवजे के अनुसार नोटिस दी गयी है. अब निर्माण कंपनी द्वारा उससे अधिक जमीन में कार्य शुरू कराया जा रहा है. इससे भी उन्हें परेशानी हो रही है. उनका कहना है कि जब सरकार द्वारा जितनी भूमि चिह्नित कर मुआवजे देने की बात कही गयी है. जिन किसानों को जितनी भूमि का पेमेंट दिया गया है तो कार्य भी उतनी ही भूमि में होनी चाहिए. सीओ ने आक्रोशित किसानों को समझाने बुझाने का प्रयास किया पर बात नहीं बन सकी. भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेस वे का निर्माण होना है. इसके लिए निर्माण कंपनी द्वारा धनीबार में बेस कैंप बनाकर निर्माण कराने के लिए पूरी तरह तैयार है. इधर, किसानों को उचित मुआवजे को लेकर मन में संशय है. इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले कई बैठकें भी किसानों ने की है. जबरन काम लगाये जाने पर यूनियन के सदस्यों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. इसके लिए 16 मार्च रविवार को प्रखंड मुख्यालय अंबा में एक बैठक रखी गयी है.बोले सीओ – शीघ्र मिलेगा मुआवजा
सीओ चंद्रप्रकाश ने बताया कि जिन किसानों ने अपनी भूमि का रैयती प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है, उन्हें मुआवजे की राशि भुगतान कर दिया गया है. वहीं जिन किसानों को अब तक मुआवजे की राशि नहीं मिली है उन्हें भी शीघ्र मुआवजा दिलाया जायेगा. यह सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना है. कोर्ट के फैसले के इंतजार में सड़क निर्माण कार्य बाधित नहीं होगा. न्यायालय का फैसला आने के बाद मुआवजे की राशि में वृद्धि हो सकती है. इसका लाभ सभी किसानों को मिलेगा.
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