दाउदनगर. शहर के वार्ड संख्या एक, पांच, छह और 10 की कुछ आबादी पेयजल संकट का सामना कर रही है. ऐसे घरों की संख्या एक अनुमान के अनुसार 400 से 500 तक की हो सकती है. इन वार्डों के कई घरों में चापाकल जवाब दे चुके हैं और कई घरों में जवाब देने की स्थिति में है. नगर पर्षद की ओर से टैंकर के माध्यम से भेजा गया पानी उनके लिए नाकाफी साबित हो रहा है. नगर पर्षद द्वारा दो टैंकर से पानी आपूर्ति करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सूत्रों से पता चला कि अब तक एक ही टैंकर से जलापूर्ति किया जा रहा था. एक और टैंकर नगर पर्षद द्वारा हाल ही में खरीदा गया है, जिससे पानी का फॉगिंग कराया जा रहा था. इसी टैंकर को शनिवार से पाइप जोड़कर जलापूर्ति के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. इस प्रकार यदि देखा जाये तो महज दो टैंकर के सहारे एक बड़ी आबादी को पेयजल उपलब्ध करा पाना चुनौती भरा कार्य कहा जा सकता है.
इन इलाकों में पेयजल संकट
नगर पर्षद क्षेत्र के वार्ड संख्या एक स्थित अमृत बिगहा और पचकठवा में चापाकल सूख जाने के कारण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. वार्ड पार्षद प्रतिनिधि रामकरण पासवान ने बताया कि करीब 100 से 150 घर प्रभावित है. एक टैंकर से पानी आ रहा है,जिसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता. वार्ड संख्या छह के वार्ड पार्षद सुहैल अंसारी ने बताया कि मियां मुहल्ला, जाट टोली, नीलकोठी महादलित टोला, मुंशी टोला रोड आदि इलाकों में अधिकांश चापाकल सूख चुके है. करीब 300 से 400 घर प्रभावित हैं. हालांकि, अब तक इन इलाकों में टैंकर नहीं पहुंचा है, लेकिन स्थानीय लोग आसपास के सबमर्सिबल व चालू चापाकल का सहारा लेकर काम चला रहे है. वार्ड पांच के पार्षद बसंत कुमार ने बताया कि मियां मुहल्ला में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. वार्ड संख्या 10 के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि दीपक कुमार ने बताया कि मल्लाह टोली, कांदू राम की गड़ही व गड़ेरी मुहल्ला में करीब 50 से 60 घर प्रभावित है. वार्ड संख्या 12 के भी खत्री टोला इलाके में भी कई घरों का चापाकल सूखने की सूचना मिल रही है. वार्ड 22 व 25 में भी कई घरों के चापाकल सूखने की शिकायतें मिल रही है. इस प्रकार यदि देखा जाए तो हाल के वर्षों में गिरते भू-जल स्तर के कारण पेयजल संकट गहराता जा रहा है. कई इलाकों में लोग आसपास के घरों में लगे सबमर्सिबल का सहारा ले रहे है.
7584 घरों में नल का जल पहुंचाने का दावा
वैसे, अगर नगर पर्षद के दावे पर गौर करें तो 7584 घरों में नल-जल योजना के तहत नल का जल पहुंचाया जा चुका है. 9645 घरों में नल का जल पहुंचने का लक्ष्य था. शहर के छह वार्डों के 1645 घरों में नगर पर्षद द्वारा नल का जल पहुंचाया जा रहा है. शेष 21 वार्डों में 8000 घरों में बुडको के माध्यम से नल का जल पहुंचाना है. 5939 घरों में नल का जल पहुंचाया जा चुका है.शेष वंचित घरों में चापाकल, ओवरहेड टैंक एवं जल टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है. यही डाटा 24 मई को डीएम द्वारा आयोजित नगर निकायों के कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक में नगर पर्षद द्वारा दिया गया है. खैर दावा चाहे जो भी हो, लेकिन धरातलीय सच्चाई यह है कि शहर में नल- जल योजना पूरी तरह फेल है. इसका मामला पिछले दिनों प्रखंड 20 सूत्री की बैठक में भी उठाया जा चुका है. कई पार्षदों एवं स्थानीय लोगों का आरोप है कि बुडको द्वारा जो नल-जल योजना का कार्य कराया गया था, उसका अधिकांश इलाकों में लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है. नगर पर्षद द्वारा नाली नाला व सड़क निर्माण के दौरान नल-जल की संरचना को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है.
क्या कहते हैं इओ
इओ ऋषिकेश अवस्थी ने बताया कि आवश्यकतानुसार टैंकर से पानी भेजा जा रहा है. नप के पास दो टैंकर हैं. जहां नियमित आवश्यकता है, वहां जलमीनार बनाकर पेयजलापूर्ति की जा रही है. नल-जल योजना के बारे में बुडको से पत्र व्यवहार किया गया है. बुडको सारी योजना नगर पर्षद को हस्तांतरित करने वाली है. हमारी तरफ से बुडको को यह कहना है कि तभी हम हस्तांतरित लेंगे, जब वह चल रहा हो और उसके सारे लीकेज बना दिए गये हों. ऑपरेटर के पेंडिंग पेमेंट क्लियर करने के उपरांत ही लेंगे.जल्द ही बुडको के साथ एक संयुक्त बैठक होने वाली है.
क्या कहती हैं मुख्य पार्षद
मुख्य पार्षद अंजलि कुमारी ने कहा कि जहां भी पेयजल की किल्लत है, वहां टैंकर से पेय जलापूर्ति की व्यवस्था की जा रही है और कर जा रहा है. आवश्यकतानुसार जल मीनार भी बनवाया जा रहा है. अब तक चार जल मीनार बनवाया जा चुका हैं. किसी को भी पेयजल की किल्लत नहीं होने दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है