अतिक्रमण हटाओ अभियान फिर हुआ निष्प्रभावी, मूलभूत सुविधाओं के बिना यातायात व्यवस्था चरमराईप्रतिनिधि, दाउदनगर. दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय स्थित भखरूआ मोड़ को अतिक्रमण से मुक्त कराने की प्रशासनिक कवायद समय-समय पर होती रही है, लेकिन हर बार यह अभियान कुछ दिनों तक ही प्रभावी रह पाता है़. स्थिति फिर से जस की तस हो जाती है. लगभग तीन वर्ष पहले अनुमंडल प्रशासन द्वारा सख्ती से अतिक्रमण हटाया गया था, और वाहनों के खड़े होने की स्पष्ट परिधि तय की गयी थी, परंतु फॉलोअप की कमी के कारण अब वही पुराना हाल एक बार फिर लौट आया है.
रोक के बावजूद धड़ल्ले से खड़े होते हैं वाहन
तत्कालीन आदेशानुसार औरंगाबाद रोड, पटना रोड और गया रोड पर बस व ऑटो चालकों को 200 मीटर के दायरे से बाहर वाहन खड़ा करने की हिदायत दी गयी थी. वहीं बाइक चालकों के लिए 100 मीटर की परिधि में पार्किंग निषेध घोषित की गयी थी. फुटपाथ दुकानदारों को भी नाले के आगे दुकानें न लगाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन आज हालत यह है कि सड़क के दोनों ओर अव्यवस्थित वाहन खड़े होते हैं, और फुटपाथ पर भी दुकानें सज चुकी हैं.
स्टैंड और बुनियादी सुविधाओं का अभाव, यात्री बेहाल
दाउदनगर में न तो बस स्टैंड है और न ही ऑटो स्टैंड. ऐसे में सड़क किनारे ही स्थायी स्टैंड बना दिये गये हैं. यात्री सड़क किनारे खड़े होकर वाहनों का इंतजार करते हैं. पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बाइक व चारपहिया वाहन भी सड़क किनारे ही खड़े कर दिये जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. भखरूआ मोड़ जैसे व्यस्ततम क्षेत्र में न तो यात्री शेड है, न ही शुद्ध पेयजल की सुविधा और न ही शौचालय. जिला पर्षद द्वारा भखरूआ बाजार रोड में सब्जी मंडी के पास सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन वह स्थान भखरूआ मोड़ से काफी दूर है.
भारी ट्रैफिक दबाव
भखरूआ मोड़ से गुजरने वाले औरंगाबाद-पटना (एनएच 139) और दाउदनगर-गया (एनएच 120) पथों पर दिन-रात भारी यातायात रहता है. व्यवसायिक, निजी और सार्वजनिक वाहन बड़ी संख्या में आते-जाते हैं. परिणामस्वरूप यहां अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. दिन में कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, परंतु शाम होते-होते यह व्यवस्था भी गायब हो जाती है. रात के समय जाम और अव्यवस्था की स्थिति और भयावह हो जाती है. 34 वर्षों बाद भी अधूरी है बस स्टैंड की उम्मीद
दाउदनगर को अनुमंडल बने तीन दशक से अधिक हो चुके हैं, लेकिन आज तक यहां बस स्टैंड और ऑटो स्टैंड जैसी मूलभूत यातायात सुविधाओं का विकास नहीं हो सका है। जमीन की पहचान, राशि की स्वीकृति और निर्माण कार्य की योजना हर बार कागजों में रह जाती है।सूत्रों के अनुसार कई बार बस स्टैंड के लिए जमीन चिह्नित करने की बात हुई, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। हाल के दिनों में तरारी के समीप जमीन चिन्हित की गई बताई जा रही है, लेकिन इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।जनता की मांगें, प्रतिनिधियों के वादे और प्रशासनिक घोषणाएं बार-बार दोहराई जाती हैं, पर दाउदनगर को बस स्टैंड कब मिलेगा — यह सवाल अब भी अनुत्तरित है।
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है