Bihar Crime: औरंगाबाद के देवकुंड थाना क्षेत्र स्थित रायपुर बंधवा गांव में नक्सल से संबंधित पोस्टर चिपकाए गए है. पोस्टर पढ़ने के बाद गांव में हड़कंप मच गया है. पोस्टर में प्रयाग बिगहा के सुनील राजवंशी, उपेंद्र राजवंशी, रणधीर राजवंशी और जितेंद्र राजवंशी की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए रामानुज शर्मा, विश्वनाथ शर्मा, मुन्ना शर्मा, मंटू शर्मा और रमेश शर्मा को 15 दिनों के भीतर जमीन खाली करने की धमकी दी गई है.
दीवार से पोस्टर जब्त
पोस्टर में लिखा है कि तय समय सीमा में जमीन खाली नहीं की गई तो गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें. इसके साथ ही ‘सामंतवाद मुर्दाबाद’ जैसे नारे भी पोस्टर में लिखे गए हैं. इधर पोस्टर चिपकाये जाने की सूचना मिलते ही देवकुंड पुलिस मौके पर पहुंची और दीवार से पोस्टर को जब्त कर लिया. पुलिस ने इसे फिलहाल असामाजिक तत्वों की करतूत बताया है और सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है. मकान मालिक मुन्ना शर्मा ने बताया कि योग केंद्र उनके परिवार की जमीन पर ही संचालित हो रहा है. कुल 10.30 बीघा जमीन में बाउंड्री के साथ वर्षों से केंद्र चल रहा है.
जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की
मकान मालिक मुन्ना शर्मा ने बताया कि लगभग 47 वर्ष पहले इसी जमीन का कुछ हिस्सा अन्य लोगों को पर्चा के रूप में दे दिया गया था, जिसे बाद में सिविल कोर्ट ने रद्द कर दिया. इसके साथ ही उसकी डिमांड भी कैंसिल हो चुकी है. मुन्ना शर्मा ने बताया कि बीते चार जुलाई को कुछ लोगों ने जबरन ताला तोड़कर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और झोपड़ी लगानी शुरू कर दी. इस घटना की जानकारी उनके छोटे भाई कुंदन कुमार द्वारा थानाध्यक्ष को आवेदन के माध्यम से दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी थानाध्यक्ष को फोन किया जाता है, वे फोन नहीं उठाते हैं.
जांच में जुटी पुलिस
मुन्ना शर्मा ने बताया कि उनका परिवार अब गांव में बहुत ही कम संख्या में रह रहा है और इस तरह की धमकी के बाद वे गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. नक्सली पोस्टर की जानकारी उन्हें सुबह ग्रामीणों से मिली, जब लोगों ने दीवार पर चिपका परचा देखा. देवकुंड थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में यह असामाजिक तत्वों की शरारत प्रतीत हो रही है, लेकिन पुलिस हर दृष्टिकोण से मामले की जांच कर रही है. क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है ताकि कोई भी अफवाह या भय का माहौल न बने.