भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस में निर्माण के लिए चिंतावन बिगहा गांव में जमीन अधिग्रहण का मामला
प्रतिनिधि, अंबा.किसानों को बगैर मुआवजा दिये प्रशासन जमीन पर जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं कर सकती है. किसानों को उनके भूमि पर पूर्ण अधिकार है. विकास कार्य के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करना अन्याय है. ये बातें भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बिहार-झारखंड प्रभारी दिनेश कुमार ने कही. वे शनिवार को कुटुंबा प्रखंड के चिंतावन बिगहा गांव में जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर किसानों के साथ बैठक कर रहे थे. इसके उपरांत उन्होंने प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि नोटिस देने से सरकार भूमि अधिग्रहित नहीं कर सकती है. अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. अधिकारी यदि किसानों को डरा धमकाकर जबरन अधिग्रहण करना चाह रहे हैं तो यह उनकी भूल है. किसान पर किया गया हर एक जुर्म का जवाब उन्हें न्यायालय में देना होगा. उन्होंने कहा कि अधिकारी हो या किसान कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. कानून सबके लिए बने हैं. प्रशासन के रवैये में सुधार नहीं हुआ तो कार्य स्थल से न्यायालय तक उनको विरोध का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस में निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान औरंगाबाद के अधिकारियों द्वारा किसान यूनियन के नेताओं व किसानों के साथ दुर्व्यवहार करने की बात सामने आ रही है जिससे वे काफी आहत है. उन्होंने कहा कि बक्सर में भी अधिकारियों ने किसानों के साथ बदतमीजी कर उन पर लाठी चार्ज किया था. हम लोगों ने लड़ाई लड़ी और कोर्ट ने बक्सर के डीआईजी, डीएम, एसपी, डीएसपी और थाना प्रभारी समेत कई पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है. यहां के अधिकारी इस बात को समझ लें कि वे पब्लिक सर्वेंट है. किसान नेताओं का अपमान करने का जवाब अधिकारियों को जरूर मिलेगा.
सीएम से मिलकर कराया जायेगा अवगत
श्री कुमार ने कहा कि किसानों के मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा. इसके लिए कल मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का समय लिया गया है. अधिकारी द्वारा किसानों के साथ किये गये दुर्व्यवहार का वीडियो मुख्यमंत्री को दिखायेगे. ऐसे पदाधिकारियों के खिलाफ हमारा आंदोलन चल रहा जो जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 21 जून तक राकेश टिकैत के बक्सर आने की संभावना है. जरूरत पड़ी तो वे यहां भी आयेंगे. अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी किये बगैर प्रशासन किसानों की जमीन पर पहुंचती है तो उनका कार्य स्थल से न्यायालय तक विरोध का सामना करना होगा. इस मौके पर यूनियन के जिला अध्यक्ष सह मुखिया मनोज कुमार सिंह, किसान यूनियन के संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह, रामाकांत पांडेय समेत दर्जनों किसान मौजूद थें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है