जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्यों में हो रही थी गड़बड़ी, जांच के बाद की गयी कार्रवाई औरंगाबाद ग्रामीण. सदर अस्पताल औरंगाबाद में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जख्म प्रतिवेदन व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लगातार मिल रही गड़बड़ी से संबंधित शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच की. वैसे गड़बड़ी की शिकायत मिलते ही अधिकारियों ने संज्ञान लिया. जांच करते हुए पाया कि सदर अस्पताल में कार्यपालक सहायक द्वारा जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है उसमें कई प्रकार की खामियां है. अंतत: सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ने कार्यपालक सहायक वेद प्रकाश को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उनके जगह पर उत्तम कुमारी को प्रतिनियुक्ति कर दिया. जानकारी देते हुए उपाधीक्षक ने बताया कि पहले भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के काउंटर पर जिन कर्मियों को लगाया गया था उनके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी. इसे देखते हुए कार्यपालक सहायक वेद प्रकाश को ड्यूटी पर लगाया गया था लेकिन इनकी भी कार्यशैली में सुधार देखने को नही मिला, बल्कि कई प्रकार भी खामियां व गड़बड़ियां पायी गयी. इसके बाद उन्हें उक्त कार्य से हटा दिया गया है. रही बात जख्म प्रतिवेदन व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की तो सदर अस्पताल में जिन थानों से मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है उन्हें ससमय पोस्टमार्टम कराते हुए रिपोर्ट दे दिया जाता है. जबकि, जिले के अनुमंडलीय अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जो भी मरीज को जख्म से संबंधित एक्सरे या फिर सिटी स्कैन के लिए रेफर किया जाता है उन्हें पहले जांच कराते हुए इंज्युरी पोस्टमार्टम (संधारण कक्ष में रिपोर्ट जमा करने के लिए निर्देश दिया जाता है. एक्सरे या फिर सिटी स्कैन से संबंधित कर्मचारियों द्वारा जो रिपोर्ट पूर्व में जमा किया गया है उससे संबंधित कई प्रकार की गड़बड़िया से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई है जिसे ध्यान में लेते हुए एक्सरे संचालक एवं सिटी स्कैन संचालक को निर्देशित किया गया है कि जिले भर से जो भी पुलिस केस से संबंधित मामले सामने आते है तो उसे सीधा जख्म प्रतिवेदन संधारण कक्ष में जमा न करते हुए उपाधीक्षक कार्यालय में जमा करें और जबतक अधोहस्ताक्षरी द्वारा प्रमाणित नही किया जाता है तब तक किसी प्रकार की रिपोर्ट संबंधित अस्पताल या फिर थाना को उपलब्ध नही कराये. इसकी कॉपी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं सिविल सर्जन के अलावा संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को दी जाए.
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