कृषि विज्ञान केंद्र में इनपुट डीलर्स के लिए डिप्लोमा कोर्स का शुभारंभ, डीएओ व कृष वैज्ञानिक हुए शामिल औरंगाबाद शहर. किसानों की उन्नति और कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने के उद्देश्य से औरंगाबाद के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को इनपुट डीलर्स के लिए एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत प्रतिष्ठित संस्थान मैनेज हैदराबाद के तत्वावधान में की गई, जिसका उद्देश्य कृषि इनपुट डीलर्स को तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से दक्ष बनाना है. कार्यक्रम का उद्घाटन वरीय वैज्ञानिक डॉ विनय कुमार मंडल, जिला कृषि पदाधिकारी संदीप राज, सहायक निदेशक (उद्यान) श्रीकांत कुमार, सहायक निदेशक (रसायन) दीपक कुमार और पौधा संरक्षण के सहायक निदेशक रॉकी रावत ने दीप जलाकर किया. उद्घाटन सत्र में डॉ मंडल ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों को गुणवत्तापूर्ण सलाह और तकनीकी जानकारी की आवश्यकता है और इनपुट डीलर्स इसमें एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं. यह डिप्लोमा कोर्स उन्हें सक्षम बनाएगा कि वे वैज्ञानिक तरीकों से किसानों का मार्गदर्शन करें. इस दौरान उन्होंने डिप्लोमा कोर्स की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कृषि इनपुट डीलर्स को वैज्ञानिक ज्ञान से जोड़ने और उन्हें खेती-बाड़ी की तकनीकों, उर्वरक उपयोग, कीट प्रबंधन, बीज चयन और जल संरक्षण जैसे विषयों में प्रशिक्षित करेगा. इससे न केवल उनकी व्यवसायिक दक्षता में वृद्धि होगी, बल्कि वे किसानों के लिए भरोसेमंद सलाहकार भी बन सकेंगे. जिला कृषि पदाधिकारी संदीप राज ने प्रशिक्षण की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक कृषि के इस दौर में प्रशिक्षण पाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब प्रशिक्षित होंगे, तभी वे किसानों को सही जानकारी और गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध करवा सकेंगे. प्रशिक्षणार्थियों से पूरी मेहनत और लगन से प्रशिक्षण प्राप्त करने की अपील की. कहा कि इससे कृषि उत्पादकता एवं उर्वरक में सुधार होगी. सहायक निदेशक (उद्यान) श्रीकांत कुमार ने किसानों की समस्याओं को जमीनी स्तर पर समझने की आवश्यकता बताई और इस प्रशिक्षण को एक दूरदर्शी पहल बताया. उन्होंने कहा कि इससे इनपुट डीलर्स की कार्यकुशलता में सुधार होगा और कृषि उत्पादन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. कार्यक्रम में प्रशिक्षण के व्यावहारिक पक्षों पर भी चर्चा हुई. उपस्थित प्रशिक्षुओं को बताया गया कि किस प्रकार वे खेतों में जाकर किसानों को जागरूक कर सकते हैं. सहायक निदेशक (रसायन) दीपक कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उन्हें एक नयी पहचान दिलायेगा. कार्यक्रम का संचालन कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रतिभा कुमारी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कृषि वैज्ञानिक पंकज कुमार सिन्हा ने किया. कार्यक्रम में जिले के कृषि कर्मी, वैज्ञानिक तथा प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे.
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