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बटाने दाएं नहर में पानी नहीं आने से क्षुब्ध किसान करेंगे वोट बहिष्कार

किसान एवं मजदूरों को एकजुट करने के लिए गांव-गांव में हो रही बैठक

किसान एवं मजदूरों को एकजुट करने के लिए गांव-गांव में हो रही बैठक

प्रतिनिधि, अंबा.

हडियाही बटाने दाएं नहर में पानी नहीं आने से दर्जनों गांवों के क्षुब्ध किसान इस बार विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने की रणनीति बना रहे हैं. इसके लिए अलग-अलग गांव में लगातार बैठक कर हडियाही बटाने दाएं नहर संघर्ष समिति से किसानों को जोड़ा जा रहा है. रविवार को समिति से जुड़े किसानों की बैठक कुटुंबा प्रखंड के बलिया गांव में की गयी. जितेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बलिया के साथ-साथ आसपास के कई गांवों के दर्जनों किसान शामिल हुए. बैठक में शामिल किसानों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये. कहा कि हम सब कई दशक से बटाने नहर में पानी आने की आस लगाये बैठे हैं. किसानों को नहर से पानी देने के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. नहर से जुड़े अधिकारियों के वेतन भुगतान में भी करोड़ रुपये खर्च होता है. परंतु, इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. विभागीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के समक्ष दौड़ लगाकर हम सभी थक चुके हैं. अधिकारी एवं प्रतिनिधि की ओर से हम सभी को हर बार अलग-अलग तरह से आश्वासन दिया जाता है, परंतु नहर से पानी उपलब्ध नहीं कराया जाता है. सरकारी तंत्र की लापरवाही एवं सही दिशा में प्रयास के बगैर आज भी हम सबों की खेती भगवान भरोसे होती है. बारिश नहीं होने पर फसल सूख जाती है, जिससे लाखों का नुकसान होता है. नेता चुनाव आने पर हरियाही नहर पूर्ण करने की बात करते हैं, परंतु बाद में इसके लिए कोई सार्थक पहल नहीं की जाती है. इसके लिए हम सभी किसान मजदूर को एकजुट होने की जरूरत है.

बैठक में नहर नहीं, तो वोट नहीं के प्रस्ताव पर सभी लोगों ने अपनी सहमति जतायी. इसके साथ ही नहर से सिंचित होने वाले सभी गांवों में जगह-जगह पर बैनर लगाने का निर्णय लिया गया. बलिया गांव के राजेश्वर सिंह को समिति का मुख्य सचेतक बनाया गया. बैठक में रामनारायण सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, उदय सिंह, त्रिवेणी सिंह, उमेश प्रसाद, संतोष सिंह, राहुल सिंह, सुबोध कुमार सिंह, पवन कुमार, प्रमोद महतो, चंदन कुमार पासवान, रंजीत कुमार पासवान आदि थे.

नहर संघर्ष समिति का निर्णय

बता दें कि कुटुंबा प्रखंड के कल्पवृक्ष धाम परता में बैठक कर हड़ियाही बटाने दाएं नहर संघर्ष समिति की ओर से नहर में पानी नहीं, तो वोट नहीं देने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद से अलग-अलग गांव में लगातार बैठक की जा रही है. इसके पूर्व भालूवाड़ी खुर्द महावीरगंज गांव व महसू गांव समेत अन्य गांवों में बैठक की गयी. समिति से जुड़े सदस्यों ने बताया कि नहर से प्रभावित आसपास के सभी गांवों में बारी-बारी से बैठक की जायेगी. नहीं हुई पहल, तो कम सकता है वोट प्रतिशतकिसान जिस तरह से गांव-गांव में जाकर बोट बहिष्कार करने के लिए बैठक कर रहे हैं, ऐसे में यदि इस पर प्रशासन की ओर से सार्थक पहल नहीं की गयी, तो दर्जनों गांवों के किसान वोट बहिष्कार कर सकते हैं. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र का वोट प्रतिशत कम हो सकता है. बता दें कि पूर्व में घेउरा पंचायत अंतर्गत कई बूथों पर तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में नेउरा सूरजमल गांव के मतदाताओं ने वोट बहिष्कार किया था. इस बार दर्जनों गांवों के किसान एक साथ बहिष्कार करते हैं, तो प्रशासन को वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

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