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खराब चापाकलों की शीघ्र करायें मरम्मत, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

डीएम ने जिले में खराब व बंद चापाकलों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की

डीएम ने जिले में खराब व बंद चापाकलों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की

प्रतिनिधि, औरंगाबाद शहर.

कलेक्ट्रेट के सभागार में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) की समीक्षा बैठक हुई. इसका मुख्य उद्देश्य जिले में पेयजल आपूर्ति की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए उसमें सुधार की दिशा में त्वरित व प्रभावी कदम उठाना था. डीएम ने जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में खराब व बंद चापाकलों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी खराब चापाकलों की शीघ्र मरम्मत कराकर उन्हें पुनः चालू स्थिति में लाया जाये, ताकि आमलोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सके. उन्होंने कार्यपालक अभियंता को यह भी निर्देश किया कि पंचायतवार खराब चापाकलों की सूची तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य पूर्ण करें. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर जवाबदेही तय की जायेगी. समीक्षा के क्रम में राज्य सरकार द्वारा जिले को प्राप्त नये चापाकलों की अधिष्ठापना के लक्ष्य की भी समीक्षा की गयी. सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सभी नये चापाकलों की स्थापना संबंधित स्थलों पर तय समयसीमा के भीतर पूरी कर ली जाये, ताकि लोगों को इसका शीघ्र लाभ मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि चापाकल अधिष्ठापना के कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाये और इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी समन्वय स्थापित करें.

जल आपूर्ति में निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता

बैठक में नल-जल योजनाओं की स्थिति की भी गहन समीक्षा की गयी. जिन योजनाओं के संचालन में कोई तकनीकी अथवा अन्य बाधा है, उन्हें चिह्नित कर त्वरित मरम्मत कार्य कराते हुए जलापूर्ति जल्द बहाल करने को कहा. डीएम ने निर्देश दिया कि जल आपूर्ति में निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने जल की गुणवत्ता परीक्षण, क्लोरीनेशन, पाइपलाइन की जांच तथा वितरण प्रणाली की निगरानी पर विशेष ध्यान देने को कहा. पेयजल से संबंधित जनशिकायतों के शीघ्र निबटारा के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली लागू करने के निर्देश दिये गये, जिससे आमलोगों की समस्याओं का समाधान समय पर हो सके. डीएम ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को यह निर्देश दिया कि वे प्रत्येक सप्ताह कार्य प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं, जिसमें मरम्मत कार्य, नयी अधिष्ठापना, नल-जल योजना की प्रगति तथा जन शिकायत समाधान से संबंधित सभी बिंदुओं की स्पष्ट जानकारी हो. डीएम ने अंत में सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि भीषण गर्मी के इस मौसम में कोई भी गांव, टोला या वार्ड पेयजल संकट से ग्रसित न हो, यह सुनिश्चित किया जाये और इसके लिए समर्पण भाव से कार्य किया जाये. बैठक में कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक, प्रखंड स्तर के सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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