औरंगाबाद शहर. निगरानी और सलाह समिति के अध्यक्ष जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विश्व विभूति गुप्ता की अध्यक्षता में निगरानी और सलाह समिति की बैठक आयोजित की गयी. इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल और सदस्य रसिक बिहारी सिंह द्वारा मुफ्त कानूनी बचाव पक्ष सहायता प्रणाली के कार्यों की समीक्षा की गयी. बैठक में मुफ्त कानूनी बचाव पक्ष सहायता प्रणाली को माह 11 से लेकर 24 जुलाई तक के प्रदत्त वादों एवं पूर्व के वादों में गहन रूप से समीक्षा की गई और उक्त में किये गये कार्यों को संतोषप्रद बताते हुए और बेहतर कार्य करने एवं वाद के निस्तारण कराने के लिए अधिक प्रयास करने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा रिमांड कार्य के दौरान विशेष रूप से उम्र का सत्यापन, गिरफ्तारी के नियमों का पालन अवश्यक रूप से पुलिस द्वारा किया गया है या नहीं, इसपर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया. पॉक्सो से जुड़े मामले में सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया ताकि पीड़िता की पहचान किसी भी कीमत पर उजागर न हो. उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार में वैसे लोग जो अत्यंत ही गरीब वंचित, अनुसूचित जाति-जनजाति, महिला आदि हैं जो विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के धारा 12 के अधीन आते हैं, उन्हें उनके वादों में सशक्त एवं बेहतरीन बचाव हेतु एक नई प्रणाली के अंतर्गत यह सब व्यवस्था की गयी है. सभी से उम्मीद जतायी गयी कि उन्हें त्वरित और सशक्त बचाव करते हुए न्याय दिलाने में अग्रणी भूमिका का निर्वह्न ईमानदारीपूर्वक करें. मुफ्त कानूनी बचाव पक्ष सहायता प्रणाली के अंतर्गत सभी अधिवक्ताओं की पूर्णकालिक नियुक्ति इसलिए की गयी है कि निजी वकालत के कार्य को छोड़कर सिर्फ विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के धारा 12 के अधीन आने वाले बचाव से संबंधित वाद में कार्य करते हुए उन्हें सशक्त बचाव करते हुए न्याय देना है. ऐसी स्थिति में परम दायित्व है कि उस पैमाने पर पूर्ण रूप से खरे उतरें. बैठक में मुख्य विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता युगेश किशोर पांडेय, उपमुख्य विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता अभिनंदन कुमार एवं मुकेश कुमार, सहायक विधिक सहायता बचाव अधिवक्ता चंदन कुमार एवं रंधीर कुमार आदि उपस्थित थे.
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