ग्रणी जिला प्रबंधक द्वारा आश्वासन दिया गया कि संबंधित आदेशों का अनुपालन समय पर कर लिया जायेगा औरंगाबाद शहर. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उद्योग विभाग के टास्क फोर्स एवं जिले में स्थित विभिन्न राइस मिल के सत्याधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, प्रोजेक्ट मैनेजर, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, अग्रणी जिला प्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बियाडा एवं विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित रहे. सर्वप्रथम जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक द्वारा सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया गया एवं इसके बाद जिलाधिकारी के आदेश से बैठक की समीक्षा आरंभ की गयी. महाप्रबंधक ने बताया कि अगस्त माह के पहले सप्ताह में पीएमइजीपी, पीएमएफएमइ एवं पीएम विश्वकर्मा योजनाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जानी है, जिसमें उक्त योजनाओं की समीक्षा की जायेगी. विभागीय निर्देश के अनुसार पिछले वर्षों में स्वीकृत किंतु भुगतान के लिए लंबित आवेदनों एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्य के अनुरूप स्वीकृति एवं भुगतान की प्रक्रिया उक्त समीक्षा बैठक से पूर्व पूर्ण की जानी है. अग्रणी जिला प्रबंधक द्वारा आश्वासन दिया गया कि संबंधित आदेशों का अनुपालन समय पर कर लिया जायेगा. जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक व अग्रणी जिला प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि सभी बैंकों एवं लाभुकों के साथ समन्वय स्थापित कर लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें. राइस मिल के सत्याधिकारी के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में महाप्रबंधक द्वारा बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अंतर्गत प्राप्त होने वाले विभिन्न लाभों एवं प्रोत्साहनों की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी गयी. इस नीति के अंतर्गत ब्याज अनुदान 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ की राशि तक प्राप्त हो सकती है. एसआइपीबी नीति के तहत राइस मिल इकाई की स्थापना हेतु स्टांप शुल्क, निबंधन शुल्क एवं संपरिवर्तन शुल्क में 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान है. साथ ही ब्याज कर एवं एसजीएसटी में भी छूट प्रदान की जाती है. बियाडा के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा बियाडा में भूमि की उपलब्धता एवं आवंटन की प्रक्रिया की जानकारी दी गई. वहीं, डीडीएम नाबार्ड द्वारा भी अपने विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई जो कृषि क्षेत्र के विकास हेतु महत्वपूर्ण है. राईस मिलरों द्वारा जिलाधिकारी को अपने इकाई संचालन में उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया, जिनमें विद्युत आपूर्ति की समस्या प्रमुख रूप से चिन्हित की गई. इसपर जिलाधिकारी द्वारा महाप्रबंधक को विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित कर सभी उद्यमियों के साथ एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया, ताकि संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा सके. डीएम ने सभी उद्यमियों से आह्वान किया गया कि वे बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अंतर्गत प्राप्त लाभों का उपयोग कर विभिन्न क्षेत्रों में नई इकाइयों की स्थापना करें. राज्य सरकार औद्योगिक विकास के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है. इस दौरान उपस्थित सभी उद्यमियों द्वारा जिलाधिकारी को यह आश्वासन दिया गया कि वे पूरी मेहनत और लगन से अपने उद्योग का संचालन कर रहे हैं एवं उद्योग विभाग द्वारा प्रदत्त प्रोत्साहन के प्रति आभार व्यक्त किया गया.
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