औरंगाबाद शहर.
जिलेभर के आवास सहायक विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये. वैसे यह हड़ताल 27 जून तक चलेगी. इसके बाद यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. राज्य संघ के आह्वान पर जिला इकाई द्वारा आंदोलन शुरू किया गया है. शनिवार को जिला इकाई के बैनर तले जिलेभर के आवास सहायकों ने बैठक की और एकजुटता दिखायी. इसमें जिलाध्यक्ष समरेश सिंह, अशोक कुमार, कंचन देव, शिवम कुमार, योगेंद्र कुमार, रौशन कुमार, अजय पासवान, सविता कुमारी, रागिनी कुमारी, अमित सिंह, मृणाल सिंह, आर्यन कुमार, निशांत कुमार, विक्की कुमार आदि शामिल हुए. जिलाध्यक्ष ने बताया कि पिछले कई महीनों से विभाग द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में कार्य में प्रगति का बहाना बनाकर या लाभुक के झूठे बयान व शिकायत मात्र के आधार पर सेवामुक्त एवं एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई में बहुत तेजी आई है. अधिकांश मामलों में यह स्पष्ट है कि आवास कर्मियों से बिना स्पष्टीकरण पूछे या बिना किसी निष्पक्ष जांच के ही संविदा व नियोजन रद्द करने की कार्रवाई कर दी गई है. जबकि सभी आवास कर्मी अपने कर्त्तव्यों एवं दावित्वों का निर्वहन ससमय निष्ठापूर्वक एवं ईमानदारी के साथ कर रहे हैं. एक तरफ स्थानीय व्यक्तियों द्वारा तो दूसरी तरफ दबंगों एवं बिचौलियों द्वारा आवास कर्मी के साथ दुर्व्यवहार एवं मारपीट की घटनाएं की जा रही है. इन परिस्थितियों में कार्य करना काफी कठिनाई हो रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा ग्रामीण आवास कर्मियों के मानदेय में वृद्धि करने का आदेश विभाग को दिया गया है. उक्त आदेश के चार वर्षों बित जाने के बाद भी मानदेय में वृद्धि की घोषणा विभाग द्वारा नहीं की जा रही है. वर्तमान में महंगाई के दौर में मौजूदा मानदेय की राशि पर कार्य करना एवं जीवन-यापन करना असंभव है. संघ द्वारा लगातार विभाग व सरकार को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाता रहा है. परंतु इस संबंध में विभाग द्वारा आशातीत कदम नहीं उठाया गया. इन्हीं सब बातों को लेकर राज्यभर के आवास कर्मियों में आक्रोश एवं रोष व्याप्त है. जिस कारण संघ के राज्य परिषद् ने यह निर्णय लिया है कि उक्त समस्याओं एवं मांगों को लेकर राज्य स्तरीय हडताल पर जाना उचित होगा. इसकी सूचना विभाग एवं सरकार को पूर्व में दी गयी है, ताकि समय रहते विभाग इस पर उचित कार्रवाई कर सके. इसके बाद भी सरकार एवं विभाग द्वारा उक्त समस्याओं एवं मांगों पर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया जाता है, तो बाध्य होकर 27 जून के बाद अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है