मदनपुर. औरंगाबाद से पूरब 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित मदनपुर प्रखंड मुख्यालय है,जो ऐतिहासिक उमगा सूर्य मंदिर एवं सीताथापा धार्मिक स्थल के लिए जाना जाता है. आज से कुछ पहले तक इसे नक्सल गतिविधियों के लिए जाना जाता था. लेकिन, आज परिस्थितियां बदल चुकी है. यह क्षेत्र विकसित होने लगा है. प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दक्षिण में अम्बावर तरी गांव है, जहां से लंगूराही-पचरुखिया के रास्ते गयाजी जिले के मैगरा, डुमरिया, इमामगंज आदि जाया जा सकता है. इसी रास्ते मे झरही नदी पर स्थित मड़वा दह एक जगह है जो कभी नक्सलियों के लिए मीटिंग प्वाइंट हुआ करता था. आज यहां बहने वाली झरना लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है. प्राकृतिक सुंदरता से भरपुर मड़वादह झरना सैलानियों को आकर्षित कर रहा है. ऊपर पहाड़ से आकर्षक पत्थरों के बीच गुजरते पानी जो एक झरना का रूप ले चुकी है. खासकर बरसात में इस झरने का दृश्य लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां पिकनिक मनाने व झरने का आनंद लेने पहुंच रहे है. वैसे भी पास में तरी, लंगूराही व पचरुखिया में सीआरपीएफ कैंप है जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद कारगर है. इन कैंपों को होने की वजह से लोग बिना भय झरने का आनंद परिवार के साथ उठाने पहुंच रहे है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इतना मनोरम जगह होते हुए यहां विकास नही होने से आम लोगों का विकास अवरुद्ध हो गया है.
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