देव. नगर पंचायत के इलाके से मच्छरों को भगाने के लिए नगर पंचायत गंभीर नहीं है. बरसात का मौसम चल रहा है जिसके कारण कई मुहल्लों में खाली पड़े जमीन पर जल जमाव उत्पन्न हो गया है. वैसे बहुत से ऐसे जगह है जहां महीनों से गंदे पानी का जमाव है. उक्त जगहों से ही मच्छरों के पनपने में तेजी आयी है. एक तरफ लोग मलेरिया से भयभीत हैं, वहीं दूसरी तरफ मौसम में परिवर्तन के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. देव नगर पंचायत के हरेक लोग परेशान हैं. मच्छरों से होने वाली रोगों से निबटने के लिए नगर पंचायत उदासीन है. नगर पंचायत की ओर से फॉगिंग नहीं करायी जा रही है. शहर में मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि सुबह से रात तक मच्छरों का आतंक जारी रहता है. नगर पंचायत में फॉगिंग मशीन पड़ी है, इसके बावजूद शहर में दवा का छिड़काव नहीं हो पा रहा है. इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. यूं कहे कि शहर को स्वच्छ रखने में अक्षम साबित हो रही है नगर पंचायत. आश्चर्य की बात यह है कि इलाके की साफ-सफाई पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च किये जा रहे है. इसके बाद भी सफाई व्यवस्था का हाल बेहाल है. चिकित्सकों ने बताया कि मच्छर जनित रोगों में मलेरिया, कालाजार, डेंगू जैसे रोगों का खतरा बना रहता है. डेंगू के लक्षण में बदन दर्द के साथ बुखार, बेहोशी, ठंडा लगने के साथ बुखार आना है. ऐसे में तुरंत चिकित्सक से उचित सलाह लिया जाना चाहिए. इधर, नगर पंचायत द्वारा फॉगिंग नहीं होने के कारण नगर वासियों में आक्रोश है.
क्या कहते हैं चेयरमैन
नगर पंचायत के चेयरमैन पिंटू कुमार साहिल ने कहा कि पूरे नगर क्षेत्र को चरणबद्ध तरीके से कवर किया जा रहा है. यह अभियान अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा. कुछ वार्डों से अब भी फॉगिंग नहीं पहुंचने की शिकायतें भी सामने आयी हैं. इस पर नगर प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि सभी वार्डों में फॉगिंग सुनिश्चित की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है