औरंगाबाद शहर. दो दिवसीय मातृ-पितृ वंदन महोत्सव का आयोजन 11 जुलाई से होगा. इस कार्यक्रम में माता-पिता एवं सास-ससुर की भक्तिभाव से सेवा करने वाले संतानों एवं बहूओं तथा जिले में आयोजित सभी महोत्सव के दो सक्रिय सदस्यों को सम्मानित किया जायेगा. साथ ही स्थानीय कलाकारों एवं छात्र छात्राओं को प्रतिभा निखारने हेतु मंच उपलब्ध कराया जायेगा. इसका निर्णय जनेश्वर विकास केंद्र एवं बासमती सेवा केंद्र की बैठक में लिया गया. बैठक बासमती-जनेश्वर पुस्तकालय भवन चैनपुर में उमेश चंद्र सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि संतानों का अस्तित्व माता-पिता के कारण होता है. इसलिए संतानों के लिए माता-पिता भगवान की तरह हैं और उन्हें पुण्य माना गया है. उन्हें इसी रूप में मान-सम्मान दिया जाता था, परंतु आज के दौर में ऐसा नहीं हो रहा है तथा उन्हें वृद्धा आश्रम में रहने को विवश होना पड़ रहा है. अतः दुनिया के सभी माता -पिता को पूर्व की तरह मान सम्मान दिलाने के लिए 2020 से ही मातृ-पितृ वंदन महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. इस वर्ष यह आयोजन 11 जुलाई से शुरू होकर दो दिनों तक चलेगा. इसके तहत माता-पिता के महत्व पर संगोष्ठी, माता-पिता एवं सास-ससुर की भक्तिभाव से सेवा करने वाले संतानों और बहूओं को श्रवण कुमार सम्मान से सम्मानित किया जायेगा. साथ ही जिले में आयोजित सभी महोत्सव के दो-दो सक्रिय सदस्यों को भी सम्मानित किया जाएगा और स्थानीय कलाकारों और छात्र-छात्राओं को मंच उपलब्ध कराकर अपनी प्रतिभा निखारने हेतु मंच उपलब्ध कराया जायेगा. रात में जिले के नामचीन कलाकारों द्बारा रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक प्रतियोगिता आयोजित कर चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा. अन्य प्रस्ताव के जरिए व्यवस्था की दृष्टि से कई उपसमिति का गठित की गयी. बैठक में उपस्थित चैनपुर के ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि महोत्सव को सफल बनाने में पूरी शक्ति लगा देंगे. कार्यक्रम प्रायोजक विधि से संपन्न कराने का प्रस्ताव पारित किया गया. मुख्य अतिथि और जनेश्वर विकास केंद्र अध्यक्ष रामजी सिंह ने अपने संबोधन में उक्त संस्था द्वारा 21 महोत्सव आयोजन पर विस्तार से प्रकाश डाला और इस महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया. महोत्सव की रुपरेखा तैयार करने हेतु अगली बैठक 25 जून को करने का निर्णय लिया गया. बैठक में बासमती सेवा केंद्र के उपाध्यक्ष पुरंजय कुमार सिंह, सचिव दिलीप कुमार सिंह, पुस्तकालयाध्यक्ष पारसनाथ सिंह, उप मुखिया रंजन कुमार सिंह, शिक्षक संतोष कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह, भीमसेन सिंह, बदन सिंह, रामजन्म सिंह, कोषाध्यक्ष राजू कुमार सिंह, अधिवक्ता सुमन सौरभ, अध्यक्ष कविता विद्यार्थी, भरत कुमार सिंह, रामप्रवेश सिंह, ललन कुमार सिंह,रामराज पासवान सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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