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Aurangabad News : औरंगाबाद-पटना रोड के चौड़ीकरण की मांग को लेकर सड़क जाम

प्रदर्शनकारियों ने कहा- एनएच-139 पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही, लोग गवां रहे जान

दाउदनगर/ओबरा. एनएच 139 स्थित औरंगाबाद-पटना मुख्य पथ को फोरलेन करने की मांग को लेकर रविवार को लोग ने सड़क पर उतर आये़ लोगों ने जगह-जगह वाहन, बेंच-टेबल, बैनर-पोस्टर आदि लगा कर सड़क जाम कर दिया. आमलोग सड़क पर ही बैठे रहे और मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की. दाउदनगर, ओबरा व अंबा चौक पर लोगों ने एनएच-139 के चौड़ीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय के भखरुआं मोड़ व जिनोरिया बस स्टैंड पर लगभग दो घंटे तक सड़क जाम रखा गया. जाम में काफी संख्या में वाहन फंसे रहे. भखरुआं मोड़ पर औरंगाबाद रोड, पटना रोड, गया रोड में वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं. सुबह करीब सात बजे से नौ बजे तक सड़क जाम रहा. सांकेतिक हड़ताल करते हुए सड़क बंदी में शामिल लोगों ने एनएच-139 को फोरलेन करने की मांग के नारे भी लगाये गये. मांग पूरी नहीं होने पर बड़े स्तर पर करेंगे आंदोलन: अरुण कुमार यादव ने कहा कि पूरे बिहार में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं एनएच-139 पर होती हैं. सड़क दुर्घटनाओं में लोग मृत या घायल होते हैं. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नीतीन गड़करी ने खुले मंच से एनएच-139 को फोरलेन कराने की घोषणा की थी और कहा गया था की राशि आवंटित कर दी गयी है, तो वह राशि कहां गयी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राशि को दूसरे एनएच को आवंटित कर दी गयी, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. हम पक्ष और विपक्ष दोनों को कहना चाहते हैं कि एनएच-139 को फोरलेन किया जाए. यह अभी सांकेतिक हड़ताल है. हमलोग बड़े स्तर पर आंदोलन करने की तैयारी के मूड में है. वोट बहिष्कार भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह योजना राजनीति की भेंट चढ़ गयी है. हमलोग राजनीति की भेंट नहीं चढ़ने देंगे. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई, तो सड़क किनारे अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठ सकते हैं. इस सड़क पर सबसे अधिक दबाब, फोरलेन करना जरूरी व्यवसायी एवं वार्ड पार्षद प्रतिनिधित्व कृष्णा केसरी ने कहा कि इससे अधिक खराब रोड कहीं नहीं है. बिहार में सीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि हम रोड बनवा दिये. कहां -कहां रोड बना हुआ है. इस रोड पर किसी का कोई ध्यान नहीं है. लोग सड़क दुर्घटना में मौत के शिकार होते जा रहे हैं, घायल होते जा रहे हैं. शिक्षक मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष बसंत कुमार सिंह ने कहा कि इस रोड पर सड़क दुर्घटना में शिक्षकों की भी मौत हुई है. यह न तो टू लेन है और न फोर लेन. इस रोड से बालू का उठाव होता है. राजस्व के मामले में यह रोड सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला है, लेकिन बनाने के नाम पर राजनीति की भेंट चढ़ जा रहा है. इस रोड को लोग मौत का सौदागर कहना शुरू कर दिये हैं. अभिषेक मौर्या ने कहा कि सरकार के कोई मंत्री बिना कोई स्कॉर्ट के पटना से औरंगाबाद एक दिन आ जाएं, तो उन्हें असलियत का पता चल जायेगा. इस रोड पर जितना दबाव है, उतना दबाव किसी भी अन्य रोड पर नहीं है. आम जनता रोज मौत के साथ खेलकर यात्रा करने को विवश है. दूसरी ओर दाउदनगर-औरंगाबाद रोड स्थित जिनोरिया में भी सड़क को जाम रखा गया. जाम में वाहन फंसे रहे. बंद समर्थकों ने एनएच 139 को फोरलेन करने की मांग की. ओबरा में हाइवे बंद कर लोगों ने जताया आक्रोश फोटो नंबर-3-सड़क जाम में शामिल लोग. 3ए-सड़क पर लगी जाम. ओबरा. राष्ट्रीय राजमार्ग-139 के फोरलेन बनाने की मांग को लेकर सड़क दुर्घटना रोकथाम फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ओबरा के तत्वावधान में हाइवे को बंद कराया गया. अंबा, औरंगाबाद, ओबरा, दाउदनगर के साथ अरवल जिले के कलेर, मेहंदिया व पटना जिले के नौबतपुर तक बंदी का भरपूर समर्थन देखने को मिला. राष्ट्रीय राजमार्ग-139 पर बंद कराने उतरे लोगों का कहना था कि इसे फोरलेन हर हाल में बनाना होगा. कहा कि इस सड़क पर प्रतिदिन 20 हजार से अधिक गाड़ियों का परिचालन होता है. मानकता के अनुसार यह सड़क फोरलेन होनी चाहिए थी. इस राजमार्ग के फोरलेन के लिए 5500 करोड़ रुपये स्वीकृति की घोषणा केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री नीतीन गडकरी द्वारा औरंगाबाद के सीमावर्ती जिले गया जी में की गयी थी. बाद में इस स्वीकृति को वापस लेकर सासाराम से पटना को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन करने की अनुमति दे दी गयी़ इसके बाद से सड़क के किनारे बसे लोगों में नाराजगी व्यक्त थी. सड़क दुर्घटना ट्रस्ट के तत्वावधान में बीते दिनों पुतला दहन व मशाल जुलूस कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. इसके बाद भी केंद्र सरकार या संबंधित विभाग द्वारा कोई उचित परिणाम देखने को नहीं मिला, जिसको लेकर एनएच-139 के किनारे बसे सभी ग्रामीणों में आक्रोश की भावना देखी गयी. इधर, बंद को लेकर छोटे से लेकर बड़े गाड़ियों का आवागमन ठप रहा. बंदी कार्यक्रम में समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी, युवा वर्ग व ग्रामीण क्षेत्र के लोग तथा सड़क दुर्घटना रोकथाम समिति के सदस्य पुष्कर अग्रवाल, चंदन सिंह, सहजानंद कुमार डिक्कू, आनंद विश्वकर्मा, गुड्डू सिंह, धीरज सिंह, मुकेश कुमार, रॉकी दूबे, कमलेश कुमार विक्कल, कृष्णकांत शर्मा, विनय कुमार, पप्पू कुमार, संदीप कुमार, नागेंद्र मेहता, विद्या ठाकुर, धंजय सिंह, बलराम मेहता, निरज कुमार, संतोष शर्मा राकेश यादव, उत्तम कुमार, सुनील कुमार सिंह, चंदन सिंह, रविरंजन, आकाश तिवारी, विनायक सिंह, राहुल कुमार, अरुण कुमार यादव, बसंत सिंह, रणधीर यादव, अभिनव कुमार सिंह, सचिन यादव, संजीत यादव, गोलू कुमार ने सहयोग किया. इधर, पूर्व व्यापार मंडल मंडल अध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा ने धरने के दौरान कहा कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार की ढूलमुल नीति के कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. थानाध्यक्ष नीतीश कुमार, अंचलाधिकारी हरिहरनाथ पाठक, प्रखंड विकास पदाधिकारी मो यूनुस सलीम आदि घुम-घुमकर जायजा लेते रहे.

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