को-ऑपरेटिव बैंक की हुई वार्षिक आमसभा, विकास पर दिया गया जोर
औरंगाबाद शहर. शहर के ब्लॉक मोड़ समीप सम्राट अशोक भवन में को-ऑपरेटिव बैंक की वार्षिक आमसभा हुई. इसमें सूबे के सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार शामिल हुए. आमसभा के दौरान को-ऑपरेटिव बैंक के चहुंमुखी विकास पर जोर दिया गया और इस दिशा में बेहतर काम करने का संकल्प लिया गया. पैक्स अध्यक्षों, निदेशक मंडल व व्यापार मंडल अध्यक्षों ने भी राय रखी व समस्याओं की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया. वार्षिक आमसभा की अध्यक्षता को-ऑपरेटिव अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने की. सहकारिता मंत्री ने कहा कि को-ऑपरेटिव के माध्यम से स्वरोजगार दिया जायेगा. सरकार की प्राथमिकता है कि अधिक से अधिक रोजगार दिया जाये. मंत्री ने कहा कि पहले मिल की टैगिंग नहीं होती थी. पैक्स जहां चाहें वहां टैग कर लेते थे. इससे भ्रष्टाचार और शोषण होता था. इसे समाप्त किया जायेगा. अरवा और उसना चावल को लेकर समस्याएं आती है. कई वर्षों से यह व्यवस्था लागू है कि कुछ स्थानों पर उसना और कुछ स्थानों पर अरवा चावल सीएमआर के रूप में देना होता है, जिससे मिलरों को घाटा होता है. इस पर चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बोरी चार्ज, परिवहन, मजदूरी आदि की पुरानी दरों को लेकर समिति बनायी गयी है. समिति से जुड़ी टीम को कई राज्यों में भेजा गया है. 15 वर्ष पुरानी दरों में सुधार की आवश्यकता है. पैक्स की समस्याओं को दूर करने की बात कही. आज बिहार बदल रहा है. परिस्थितियां बदल रही है. खाद आपूर्ति पर सरकार द्वारा तेजी से पहल की जा रही है. किसानों को महंगा खाद नहीं मिलेगा. जो कालाबाजारी करेगा, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा जायेगा. खाद के लिए पैक्सों का कोटा तय करना आवश्यक है क्योंकि आवश्यकतानुसार खाद की आपूर्ति नहीं होती है, जिससे किसान परेशान होते हैं. किसान ही सहकारिता की असली ताकत हैं.चना, सरसों, अरहर, मूंग की खरीद की व्यवस्था की जा रही
मंत्री ने कहा कि 2023-24 में 45 लाख टन धान क्रय का लक्ष्य था. 2024-25 में चार लाख 26 हजार किसानों के लिए धान की खरीद के आलोक में भुगतान किया गया है. मंत्री ने कहा कि चना, सरसों, अरहर, मूंग आदि फसलों की खरीद की व्यवस्था की जा रही है. सहकारिता के माध्यम से सब्जी की खरीद कुछ साल पूर्व में शुरू की गयी थी. कुछ समय के लिए यह प्रक्रिया धीमी हुई थी, पर अब तेजी से पुनर्गठन हो रहा है. यूनियन का गठन हो रहा है और पंचायत स्तर तक इसे पहुंचाया जायेगा. परवल, केला, कटहल की आपूर्ति सहकारिता विभाग द्वारा की जा रही है. नेपाल सहित अन्य स्थानों से इसके ऑर्डर प्राप्त हुए हैं. कहा कि सहकारिता विभाग अब तक 8463 पंचायतों तक पहुंच चुका है. एक लाख 14 हजार वार्ड तक पहुंचने का लक्ष्य है और इसके लिए काम हो रहा है. हर जगह किसान चौपाल का आयोजन किया जायेगा. डेयरी पर चर्चा करते हुए कहा कि अमूल में 38 लाख महिलाएं सदस्य हैं, जिनके उत्पाद विदेशों में जा रहे हैं. सुधा के माध्यम से बिहार में बदलाव आया है. दूध, छाछ, पेड़ा, घी, लस्सी का निर्माण हो रहा है. 22 हजार सोसाइटी कार्यरत हैं. वहीं को-ऑपरेटिव के माध्यम से स्वरोजगार दिया जायेगा. सत्येंद्र नारायण सिंह, बिस्कोमॉन अध्यक्ष विशाल सिंह, उपाध्यक्ष महेश राय, रितेश कुमार, संजय यादव, विनोद कुमार सिंह, महेश्वर सिंह, मुकेश कुमार मोनी, शंभू यादव, गोपाल सिंह सहित लोग शामिल हुए.ठोस योजना से बेहतर बनेगी संस्था
बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रमेश चंद्र चौबे ने कहा कि लोग सहकारी बैंक में बचत खाता नहीं खुलवाते हैं. यदि पैक्स अध्यक्ष और व्यापार मंडल अध्यक्ष भी खाता नहीं खोलेंगे तो दिक्कत होगी. बैंक लोन देता है तो उसकी रिकवरी भी करता है. सीएमआर में परिवहन, पोलदारी, बोरी आदि के लिए राशि तत्काल मिलनी चाहिए. इसके लिए किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है. संस्था को बेहतर बनाना है तो ठोस योजना बनानी होगी. पहले 1250 रुपये प्रति क्विंटल की दर थी जो अब 2400 रुपये हो गयी है, लेकिन कमीशन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. इसके लिए सहकारिता विभाग ने डाटा बनाकर भेजा है. बिस्कोमॉन अध्यक्ष विशाल सिंह ने भी आमसभा को संबोधित किया. इस मौके पर कौशलेंद्र प्रताप नारायण सिंह, सुनील कुमार उर्फ छोटू चौधरी, राजेश कुमार सिंह उर्फ राजू, अमरेंद्र सिंह उर्फ छोटू, महेश्वर सिंह, पीयूष रंजन उर्फ रिशु, राजेंद्र गुप्ता, शिवपूजन मेहता, आरा सेंट्रल को-ऑपरेटिव अध्यक्ष सत्येंद्र नारायण सिंह, सीवान को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष मनोज सिंह, मुंगेर को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष, एमडी सहित कई अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है