झारखंड ले रहा 60% से अधिक पानी, जबकि बिहार को मिलना चाहिए 90%, रोस्टर का उल्लंघन
तिनिधि, औरंगाबाद/कुटुंबासावन का महीना बीतने को है, लेकिन जिले के दक्षिणी क्षेत्रों में अब भी अधिकांश खेत परती पड़े हैं. एक ओर झारखंड रोस्टर से अधिक पानी खपत कर रहा है, वहीं उत्तर कोयल मुख्य नहर से बिहार के किसानों को रोस्टर के अनुरूप पानी नहीं मिल पा रहा है. पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं होने और चिलचिलाती धूप व उमस के कारण आमजन से लेकर पशु-पक्षी तक परेशान हैं. इसके बावजूद किसान व खेतिहर मजदूर विपरीत परिस्थितियों में भी खेतों में जुटे हुए हैं. हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश का पानी खेतों के मेढ़ तोड़कर बह गया, जिससे किसानों को कोई खास राहत नहीं मिली. वहीं नहरों से जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिलने के कारण जुताई, कूड़ाई और धान की रोपनी में भारी बाधा उत्पन्न हो रही है.
झारखंड ले रहा 60.16% पानी, बिहार को मिल रहा केवल 39.84%
जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार को मोहम्मदगंज भीम बराज से 1900 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. इसमें से झारखंड सीमा के 103 आरडी पर नवीनगर डिवीजन को मात्र 757 क्यूसेक पानी प्राप्त हुआ, जो कुल डिस्चार्ज का केवल 39.84% है. वहीं झारखंड 60.16% पानी की खपत कर रहा है, जबकि बिहार विभाजन के समय 10:90 के अनुपात में जल वितरण का रोस्टर तय किया गया था. अब झारखंड न सिर्फ छह गुना ज्यादा पानी खपत कर रहा है, बल्कि नहर के रखरखाव में खर्च का अनुपात भी नहीं निभा रहा है. इससे मगध क्षेत्र के किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं. पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान झारखंड की इस तरह की मनमानी नहीं चलती थी.
अंबा डिवीजन को चाहिए 788 क्यूसेक पानी
अंबा डिवीजन के अंतर्गत बारुण, नवीनगर, कुटुंबा और औरंगाबाद सदर प्रखंडों में करीब 23,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का लक्ष्य है. सभी नहरों के समुचित संचालन के लिए 788 क्यूसेक पानी की आवश्यकता बताई गयी है, जिसमें : महुअरी उप वितरणी में 120 क्यूसेक, बसडीहा वितरणी में 261 क्यूसेक, कर्मा वितरणी में 300 क्यूसेक, अंबा लघु नहर में सात क्यूसेक, चोरहा, रतनपुर में 20-20 क्यूसेक, कझपा लघु नहर में 10 क्यूसेक, मेन नहर डी-रेगुलेटर में 50 क्यूसेक व नवीनगर डिवीजन को 598 और सदर डिवीजन को 500 क्यूसेक पानी की जरूरत है.
जल प्रवाह धीमा, हेड डिफेंस नहीं हो पा रहा
नहरों में जल प्रवाह की रफ्तार न पकड़ने का कारण झारखंड पोरसन क्षेत्र से होकर जाने वाले 30, 44, 64 और 95 आरडी के माध्यम से अधिक पानी झारखंड द्वारा खींचा जाना है. वहीं नवीनगर डिवीजन के 107, 124 और 143 आरडी पर लगे सीआर गेट पूरी तरह ऑन नहीं किये जा रहे, जिससे हेड डिफेंस नहीं हो पा रहा है और नहर में खिंचाव नहीं बन पा रहा है. इससे पानी बिहार के हिस्से में समुचित मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है.
क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी?
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता गजेंद्र चौधरी ने बताया कि फिलहाल मोहम्मदगंज भीम बराज में पानी की कोई कमी नहीं है. बराज में जल स्तर को बनाये रखते हुए 13,656 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नदी के डाउनसाइड में बहाया जा रहा है. 23 जुलाई को झारखंड सीमा के 103 आरडी पर 757 क्यूसेक पानी मिला, जिसमें नवीनगर डिवीजन को 397, अंबा डिवीजन को 140 और सदर डिवीजन को 220 क्यूसेक पानी आवंटित किया गया. विभाग किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पानी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है