आंगनबाड़ी भवन के लिए जमीन चिह्नित होने के बाद भी सीओ स्तर से एनओसी लंबित
डीएम की समीक्षा बैठक में सामने आया मामला, सीओ को एनओसी निर्गत करने का दिया निर्देश
प्रतिनिधि, औरंगाबाद शहर
जिले के विभिन्न अंचल में पदस्थापित अंचलाधिकारी एनओसी निर्गत करने में रूचि नहीं ले रहे. हालांकि समीक्षा के दौरान बार-बार जिलाधिकारी इससे संबंधित निर्देश दे रहे हैं. इसके बावजूद पहल नहीं की जा रही है. सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान यह मामला सामने आया. पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित वार्डों के सैकड़ों टोलों के साथ आंगनबाड़ी भवन के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित होने के बावजूद संबंधित अंचलाधिकारी के स्तर से एनओसी लंबित है. दरअसल डीएम श्रीकांत शास्त्री विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ मंडे फॉलो-अप व जिला समन्वय समिति की बैठक कर रहे थे. बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिले के विभिन्न विभागों से संचालित योजनाओं व सेवाओं की प्रगति की समीक्षा की और विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. बैठक में मंडे फॉलो अप का विभागवार एजेंडे की पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से अवलोकन किया व निष्पादन की दिशा में ठोस पहल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया.318 टोलों के लिए एनओसी प्राप्त नहीं हुआ
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (पीएचइडी) की समीक्षा के दौरान बताया गया कि पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित वार्डों में कुल 1163 टोलों में से 845 टोलों के लिए अंचल कार्यालयों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त हो चुका है, जबकि शेष 318 टोलों के लिए अभी तक एनओसी प्राप्त नहीं हुआ है. इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अविलंब शेष एनओसी निर्गत करें, ताकि कार्य प्रारंभ किया जा सके. समेकित बाल विकास सेवा (आइसीडीएस) अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति, भवन निर्माण, मरम्मत कार्य व पेयजल एवं शौचालय सुविधा की समीक्षा की भी समीक्षा की गयी.सभी लंबित आवेदनों का प्राथमिकता के आधार निष्पादन का आदेश
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 197 केंद्रों के लिए भूमि चिह्नित की जा चुकी है, परंतु संबंधित अंचलाधिकारियों की ओर से अभी तक एनओसी निर्गत नहीं किया गया है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि चिह्नित सभी स्थलों के लिए शीघ्र एनओसी प्रदान किया जाए, जिससे निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके. बैठक में जिला लोक शिकायत निवारण अधिनियम के अंतर्गत जिला, सदर अनुमंडल व दाउदनगर अनुमंडल स्तर पर लंबित परिवादों की गहन समीक्षा की गयी. समीक्षा में यह पाया गया कि जिले में वर्तमान में सीपीग्राम्स पोर्टल पर 17, इ-डैशबोर्ड पर 244 व “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम के अंतर्गत 78 आवेदन लंबित हैं. जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन सभी लंबित आवेदनों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन को समयबद्ध सेवा का लाभ प्राप्त हो सके. लोक सेवा के अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) के अंतर्गत निवास, जाति, आय, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, जन्म व मृत्यु प्रमाण-पत्र जैसी सेवाओं से संबंधित लंबित आवेदनों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सीओ व बीडीओ को निर्देश दिया कि वे सभी लंबित आवेदनों का शीघ्र निष्पादन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. साथ ही, पेंशन, पारिवारिक लाभ, राशन कार्ड (ऑनलाइन/ऑफलाइन), भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) जैसे प्रकरणों की समीक्षा करते हुए अनुमंडल पदाधिकारियों को अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा. जिला विधि शाखा में लंबित वादों विशेषकर सीडब्ल्यूजेसी व एमजेसी मामलों की विभागवार समीक्षा की गयी. जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि सभी विभागीय पदाधिकारी समयबद्ध रूप से प्रति शपथ पत्र दायर करते हुए विधि शाखा को आवश्यक प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं, ताकि न्यायालयों में प्रभावी प्रत्युत्तर प्रस्तुत किया जा सके.जल जीवन हरियाली की हुई समीक्षा
ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान जनजीवन हरियाली योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों, जैसे सार्वजनिक तालाब, आहार, पइन का जीर्णोद्धार, चेक डैम निर्माण, नये जल स्रोतों की सृजन, सार्वजनिक कुओं का नवीनीकरण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, पौधाशालाओं की स्थापना व जैविक खेती से संबंधित गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की गयी. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी प्रखंडों में अतिक्रमित आहार व पईनों को सीो की मदद से अतिक्रमणमुक्त कराते हुए उसकी उड़ाही व जीर्णोद्धार सुनिश्चित करें. बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा क्षेत्र में महादलित परिवारों के मकान की भूमि को कुछ दबंगों की ओर से अपना बताकर खाली कराने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले की जांच के लिए अपर समाहर्ता व अनुमंडल पदाधिकारी, औरंगाबाद को निर्देश दिया गया व इन परिवारों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया गया. बैठक में उप विकास आयुक्त अनन्या सिंह, अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता एवं जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण, सिविल सर्जन विनोद कुमार सिंह, अपर समाहर्ता (आपदा) उपेंद्र पंडित, सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, वरीय उप समाहर्ता बेबी प्रिया, जिला योजना पदाधिकारी अविनाश प्रकाश, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आइसीडीएस) विनीता कुमारी, सभी विभाग के कार्यपालक अभियंता, जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी के साथ-साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम सभी बीडीओ, सीओ व प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है