नवीनगर में काड़ी गांव के समीप मरम्मत कराने में जुटे अधिकारी, किसानों की बढ़ी परेशानी
कुटुंबा/नवीनगर. मगध प्रक्षेत्र की हजारों एकड़ भूमि को सिंचित करने वाली उत्तर कोयल मुख्य नहर एक बार फिर तकनीकी लापरवाही और प्रशासनिक चूक की भेंट चढ़ गयी है. नवीनगर डिवीजन क्षेत्र के काड़ी गांव के पास 142 आरडी पर नहर का दायां तटबंध शुक्रवार देर रात अचानक टूट गया, जिससे पूरे इलाके की सिंचाई व्यवस्था ठप पड़ गयी है. खेतों की जुताई, कुदाई और रोपनी कार्य प्रभावित हो गया है, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. इस घटना के बाद किसानों में रोष है और वे लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि जब इतनी योजनाएं और विभागीय तैनाती के बावजूद नहर की देखरेख नहीं हो पा रही, तो इसका जिम्मेदार कौन है.सड़क भी टूटी, दर्जनों गांवों का आवागमन बाधित
तेज बहाव के कारण रामपुर और मिर्जापुर से सिमरा मेन रोड की ओर जाने वाली सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है, जिससे दक्षिणी क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संपर्क बाधित हो गया है. स्थानीय किसान प्रवासी मजदूरों की मदद से धान की रोपाई करवा रहे थे, लेकिन नहर टूटने के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है.पहले भी रुक चुका है नहर का संचालन
इससे पहले भीम बराज से शव निकालने के लिए 18 घंटे तक नहर का संचालन रोका गया था, जिससे पहले से ही रोपनी प्रक्रिया में विलंब हो चुका है. जानकारी के अनुसार अभी भी नहर के अधीन कई इलाकों में धान की रोपनी अधूरी है और किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. दो दिनों से हल्की वर्षा के चलते कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन सिंचाई के लिए नहर का पानी ही एकमात्र भरोसा बना हुआ है.जरूरत से अधिक पानी हेड करने से टूटा तटबंध
सूत्रों के अनुसार, तटबंध टूटने की मुख्य वजह 143 आरडी पर बने सीआर गेट से क्षमता से अधिक पानी का प्रवाह (हेड) करना बताया जा रहा है. इससे रामरेखा नदी के वेंट स्ट्रक्चर का फाउंडेशन कमजोर हो गया और नहर की लाइनिंग नहीं होने के कारण तटबंध टूट गया. ग्रामीणों ने बताया कि जब पानी बहकर नदी में जाने लगा, तब उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी. शनिवार सुबह चीफ इंजीनियर अर्जुन प्रसाद सिंह, एसई गजेंद्र कुमार चौधरी, और कार्यपालक अभियंता उमेश कुमार मौके पर पहुंचे और नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर भीम बराज का गेट डाउन कर नहर का डिस्चार्ज कम कराया गया.मरम्मत कार्य में लगी मशीनें और मजदूर
नहर मरम्मत के लिए एक पोकलेन, दो जेसीबी मशीन, 10 ट्रैक्टर और 40 से अधिक मजदूरों को लगाया गया है. अधिकारियों ने दावा किया है कि रविवार तक नहर की मरम्मत पूरी कर पुनः पानी का संचालन शुरू कर दिया जायेगा.स्ट्रक्चर निर्माण में लापरवाही का नतीजा
कर्मियों की लापरवाही और वॉप्कोस कंपनी की मनमानी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. बताया गया कि जिस स्थान पर स्ट्रक्चर निर्माण हुआ था, वहां फाउंडेशन लाइनिंग नहीं की गयी थी, जिससे तटबंध कमजोर हो गया. जल संसाधन विभाग को अब इस लापरवाही की कीमत चुकानी पड़ रही है. शुक्रवार को भीम बराज से 1500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसे अब घटाकर 400 क्यूसेक कर दिया गया है.क्या कहते हैं अधिकारी
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि तटबंध टूटने की सूचना मिलते ही मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. आज रविवार तक मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जायेगा और नहर का संचालन पुनः शुरू किया जायेगा. किसानों से अपील है कि वे विभाग को सहयोग करें ताकि सिंचाई कार्य सुचारू रूप से जारी रह सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है