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फूल का धंधा करने वाले मालाकार के बेटे ने पायी दोहरी सफलता

नीट में 99.25 परसेंटाइल व जेइइ में 97.79 के साथ लहराया परचम

नीट में 99.25 परसेंटाइल व जेइइ में 97.79 के साथ लहराया परचम

प्रतिनिधि, अंबा.

परंपरागत फूल की खेती व धंधा करने वाले संतोष मालाकार के बेटे राजू ने दोहरी सफलता हासिल की है. राजू ने मेडिकल के आयोजित नीट में 99.25 परसेंटाइल व इंजीनियरिंग के लिए आयोजित जेइइ में 97.79 अंक के साथ परचम लहराया. एक ही साथ दोनों परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त होने से परिजनों में खुशी की लहर है. राजू को नीट में 16048वां रैंक वहीं ओबीसी में 7087वां रैंक मिला है. इसी तरह जेइइ में उसे रैंक 33823 वां व ओबीसी में 9364 वां रैंक प्राप्त हुआ है. इंजीनियरिंग में उसे आइआइटी भोपाल मिला है, जबकि मेडिकल के लिए काउंसलिंग बाकी है. दधपा गांव निवासी राजू की प्रारंभिक शिक्षा अंबा के संत जोसेफ पब्लिक स्कूल में हुई. संत जोसेफ पब्लिक स्कूल से ही पढ़ाई कर उसने 10वीं की परीक्षा वर्ष 2021 में उसने सीबीएसइ बोर्ड के माध्यम से 88 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण हुआ. वहीं, 12 वीं की परीक्षा वर्ष 2023 में 83.08 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की. इंटर तक पढ़ाई के बाद मेडिकल नीट की तैयारी राजस्थान के सीकर किया. उसने बताया कि सीकर में नीट की तैयारी के दौरान ही मित्रों ने उसे इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया. उसके दोस्तों ने कहा कि जब मेडिकल की तैयारी कर ही रहे हो तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी साथ-साथ करो, सफलता मिलेगी. बताया कि दोस्तों के सलाह पर दोनों क्षेत्र में तैयारी करने लगा. इस दौरान उसने 14 से 16 घंटे घंटे का कठिन परिश्रम किया. वर्ष 2024 में पहली बार उसने नीट की परीक्षा दी और उसके हाथ असफलता लगी. असफल होने के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और अध्ययन जारी रखते हुए वर्ष 2025 में नीट की परीक्षा 99.25 परसेंटाइल के साथ सफलता हासिल की है. राजू की इस सफलता से परिजनों के साथ-साथ गांव एवं आसपास के लोगों में भी हर्ष का माहौल है. संत जोसेफ पब्लिक स्कूल के कार्यकारी निदेशक अनूप कुमार ने बताया कि राजू बचपन से ही मेहनती था. ब्रह्मर्षि विकास एवं जनकल्याण मंच के अध्यक्ष अजीत पांडेय, डॉ अर्जुन मेहता, डॉ चंद्रकांत पांडेय ने राजू की सफलता पर हर्ष व्यक्त की है.

इंटरनेट से दूरी व पुस्तकों से नजदीकियां बनाकर हासिल की सफलता

राजू ने बताया कि विशेष परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए इंटरनेट से दूरी बनाये रखना जरूरी है. सीकर जाने के पहले ही उसने एंड्राइड मोबाइल रखना छोड़ दिया. बात करने के लिए केवल बटन वाले मोबाइल को साथ में रखा. उसके पिता संतोष मालाकार स्थानीय चिल्हकी गांव में लीज पर जमीन लेकर पिछले 10-12 वर्षों से फूल की खेती करते है. बड़ा भाई मुकेश पिता के साथ परंपरागत धंधे में लगा हुआ है. एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है. मां गीता देवी गृहिणी हैं. राजू ने नये छात्रों के लिए प्रेरणात्मक बातें कहते हुए कहा कि इंटरनेट की दुनिया से दूर रहकर परिश्रम की दुनिया से नाता बनाकर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के परचम लहराए जा सकते हैं.

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