जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की कार्यशाला आयोजित
तंबाकू मुक्त बिहार अभियान को गति देने पर दिया गया जोर
प्रतिनिधि, औरंगाबाद शहर
तंबाकू सेवन से केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक व आर्थिक दृष्टिकोण से भी देश को नुकसान पहुंचता है. ये बातें जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने सोमवार को जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की कार्यशाला में कही. इसका आयोजन कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में किया गया. कार्यशाला का आयोजन जिला तंबाकू नियंत्रण कोषांग के तत्वावधान में किया गया, जिसमें बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक स्टडीज पटना की ओर से तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया. इसमें विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, पुलिस प्रतिनिधि व अन्य संबंधित पदाधिकारी शामिल हुए. जिलाधिकारी ने कहा कि तंबाकू सेवन स्वास्थ्य के लिए घातक है. इससे कैंसर, हृदय रोग, श्वसन तंत्र की समस्याएं, जन्मजात विकृतियां जैसी गंभीर बीमारियां होती है. बैठक के दौरान कार्यक्रम से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करते हुए पोस्टर-बैनर सहित प्रमुख गतिविधियों की तस्वीरें भी ली गयीं, जो तंबाकू नियंत्रण के प्रति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तंबाकू मुक्त पंचायत व तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में बहु-हितधारकों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए तंबाकू मुक्त बिहार अभियान को गति देना था.कोटपा अधिनियम- 2003 के प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश
बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक स्टडीज के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर चितरंजन सहाय ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी. संस्थान की जीवनशैली कोऑर्डिनेटर स्वर्ण विजय पांडेय व आशीष कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये. संबोधन के क्रम में जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों विशेषकर स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, नगर निकाय, पुलिस, परिवहन व श्रम विभाग को निर्देश दिया कि वे कोटपा अधिनियम- 2003 के प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें. सभी शैक्षणिक संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत भवनों, अस्पतालों व सार्वजनिक स्थलों पर चेतावनी पट्टिका लगाने, धूम्रपान निषेध क्षेत्र घोषित करने व नियमित अनुश्रवण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये.
तंबाकू नियंत्रण के जागरूकता अभियान चलाने पर जोर
बैठक में विशेषज्ञों ने तंबाकू नियंत्रण से संबंधित आंकड़ों, व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) रणनीतियों, विद्यालय व पंचायतों को तंबाकू मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया, प्रमाणन के मानदंड आदि पर विस्तृत प्रस्तुति दी. साथ ही सुझाव दिया गया कि विद्यार्थियों के बीच निबंध लेखन, चित्रकला, तंबाकू निषेध शपथ, नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैली जैसे आयोजनों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाई जाए. बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में टीओएफइआइ गाइडलाइन को अपनाने, सभी पंचायतों में पंचायत स्तरीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति का गठन व सार्वजनिक स्थलों पर चेतावनी पट्टिकाएं लगवाने के लिए ठोस कदम उठाए जायेंगे. इस मौके पर अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता (आपदा) उपेंद्र पंडित, सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी इफ्तेखार अहमद आदि विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे.
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