सदर डिवीजन को 500 व नवीनगर को 598 क्यूसेक पानी की जरूरत
औरंगाबाद/कुटुंबा़ सावन का महीना अंतिम पड़ाव पर है़ पुष्य नक्षत्र का प्रवेश हो चुका है, लेकिन जिले के दक्षिणी क्षेत्र के अधिकांश खेत अब भी परती पड़े हैं. उत्तर कोयल मुख्य नहर से रोस्टर के अनुसार पानी नहीं मिलने से बिहार पोरसन के किसान धान की रोपनी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, बीते एक सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण चिलचिलाती धूप और उमस से आमजन के साथ पशु-पक्षी भी परेशान हैं. इसके बावजूद किसान और मजदूर विपरीत मौसम में भी खेतों में जुटे हैं. पिछले सप्ताह हुई मूसलाधार बारिश का पानी खेतों की मेड़ तोड़कर बह गया. अब जब नहर से सिंचाई की सबसे अधिक जरूरत है, तब पानी की आपूर्ति नाकाफी साबित हो रही है.झारखंड कर रहा 60.16% पानी की खपत
जानकारी के अनुसार बुधवार को मोहम्मदगंज भीम बराज से 1900 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, लेकिन नवीनगर डिवीजन को केवल 757 क्यूसेक यानी 39.84% पानी ही मिला. जबकि झारखंड की हिस्सेदारी केवल 10% निर्धारित है, वह 60.16% पानी का उपयोग कर रहा है. बिहार-झारखंड विभाजन के दौरान यह तय हुआ था कि नहरों के रखरखाव और जल वितरण में झारखंड 10% व बिहार 90% हिस्सेदारी में पानी लेगा. परंतु वर्तमान में झारखंड रोस्टर का उल्लंघन करते हुए छह गुना अधिक पानी खपत कर रहा है, जिससे मगध प्रक्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह के कार्यकाल में झारखंड की इस तरह की मनमानी पर रोक थी, लेकिन अब स्थिति विकट होती जा रही है.अंबा डिवीजन के लिए 788 क्यूसेक पानी जरूरी
अंबा डिवीजन के अंतर्गत बारुण, नवीनगर, कुटुंबा व सदर प्रखंड के 23,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का लक्ष्य है. सभी नहरों को एक साथ संचालित करने के लिए 788 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है. इसमें प्रमुख वितरणियों के लिए क्रमशः महुअरी को 120, बसडीहा को 261, कर्मा को 300, अंबा लघु नहर को सात, चोरहा को 20, रतनपुर को 20 और कझपा लघु नहर को 10 क्यूसेक पानी चाहिए. वहीं, मेन नहर के डी-रेगुलेटर से 50 क्यूसेक पानी सिंचाई में खपत होता है.नहर में जल प्रवाह धीमा, गेट पूरी तरह नहीं खोले जा रहे
नवीनगर डिवीजन क्षेत्र के 107, 124 व 143 आरडी के सीआर गेट पूरी तरह नहीं खोले गये हैं, जिससे हेड डिफेंस नहीं बन पा रहा है और नहर में जल प्रवाह रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. दूसरी ओर झारखंड पोरसन क्षेत्र में 30, 44, 64 व 95 आरडी से पानी बिहार की ओर भेजा जा रहा है, लेकिन उससे पहले ही काफी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है. इस स्थिति में औरंगाबाद जिले के किसानों को नहर से खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.क्या कहते हैं अधीक्षण अभियंता
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता गजेंद्र चौधरी ने कहा कि मोहम्मदगंज भीम बराज में फिलहाल पानी की कमी नहीं है. बराज का वाटर पौंड लेवल बनास रखते हुए 13,656 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नदी के डाउन साइड में बहाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को 103 आरडी पर 757 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया गया, जिसमें से 397 क्यूसेक नवीनगर डिवीजन, 140 क्यूसेक अंबा डिवीजन और 220 क्यूसेक सदर डिवीजन को मिला. जल संसाधन विभाग किसानों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का भरपूर प्रयास कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है