पंजवारा. पथरा पंचायत अंतर्गत बिरनीगढ़िया गांव में चल रहे नौ दिवसीय रामकथा महोत्सव के चौथे दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ. संगीतमय रामकथा के इस खास दिन पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. पूरा पंडाल भक्ति, उल्लास और वैवाहिक मंगलध्वनि से गुंजायमान हो उठा. वृंदावन से पधारीं प्रसिद्ध कथावाचिका गजरी देवी ने श्रीराम विवाह का अनुपम वर्णन करते हुए जनकपुर की उस पावन बेला को जीवंत कर दिया. जब राजा जनक ने सीता का हाथ प्रभु श्रीराम के हाथों में सौंपा. जैसे ही विवाह की विधियां वर्णित हुईं, श्रद्धालु ‘जय श्रीराम’, ‘जय सीताराम’ और ‘धन्य धन्य मिथिला नगरिया’ जैसे जयघोषों से पंडाल को गुंजायमान करते रहे. कथा मंच पर राम-सीता विवाह की झांकी आकर्षण का केंद्र रही. बच्चों और स्थानीय कलाकारों ने राजा जनक, श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र की भूमिका निभाकर पूरे विवाह प्रसंग को जीवंत कर दिया. राम बारात के स्वागत में मिथिला नगरी की सजावट और नारियों के मंगल गीतों ने माहौल को पारंपरिक और भावनात्मक बना दिया. इस अवसर पर प्रस्तुत भक्ति भजनों ने भी श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया. आजु मोरे अंगना राम आए हैं, मंगल भवन अमंगल हारी और सीता राम विवाह आज देखन को मिल गया जैसे गीतों ने श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया. कथा स्थल पर पुष्पवर्षा और दीप प्रज्वलन से विवाह समारोह की दिव्यता और बढ़ गयी. इस धर्ममय आयोजन के मुख्य जजमान योगेंद्र पंडित एवं उनकी धर्मपत्नी अनीता देवी हैं, जिनकी देखरेख में समस्त धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हो रहे हैं. आयोजन को सफल बनाने में कुंज बिहारी पंडित, अंगद पंडित, रोहित पंडित, प्रमोद पंडित, अमरकांत पंडित, सुमन कुमार पंडित, सुनील कुमार पंडित, बलदेव पंडित, बीरबल पंडित, रामविलास पंडित, चंद्र दयाल पंडित, फुलेश्वर पंडित, पंचानंद पंडित, बजरंगी पंडित सहित समस्त ग्रामवासी समर्पित भाव से जुटे हुए हैं.
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