Nuclear power plant in Bihar: राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना के लिए सीवान व बांका पर मंथन जारी है. इसी वर्ष न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए तमाम तरह की संभावनाओं पर विस्तृत अध्ययन किया जाएगा. इसकी जानकारी ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को दी.
तकनीकी और संस्थागत स्तर पर कार्य जारी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं को साकार रूप देने के लिए विभिन्न तकनीकी और संस्थागत स्तर पर कार्य जारी रखे हुए है. इस क्षेत्र में काम करते हुए प्रारंभिक अध्ययन, भूमि और जल संसाधनों का मूल्यांकन तथा संबंधित संस्थानों से समन्वय की प्रक्रिया तेज की गई है.
साल 2014 में हुआ था स्थल का सर्वेक्षण
बता दें कि साल 2014 में न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा रजौली में स्थल का सर्वेक्षण किया गया था. जिसे भूगर्भीय दृष्टिकोण से उचित माना गया. इस सर्वेक्षण के बाद तकनीकी आधार पर इस क्षेत्र की विस्तृत जांच और मूल्यांकन की जरूरत महसूस हुई. अब इस वर्ष विस्तृत अध्ययन प्रस्तावित है. इसके लिए एनपीसीआईएल, बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड, जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से कार्य जारी है. मुख्य सचिव ने सचिव विद्युत मंत्रालय भारत सरकार को रजौली में दो गुना सात सौ मेगावाट क्षमता के न्यूक्लियर पावर प्लांट परियोजना के लिए जल की उपलब्धता के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी.
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जल स्रोत की उपलब्धता पर अध्ययन
जानकारी मिली है कि राज्य में न्यूक्लियर पावर परियोजना के लिए अन्य स्थानों पर आवश्यक जल स्रोत की उपलब्धता का भी अध्ययन हुआ है. इस अध्ययन में सलाह दिया गया कि सीवान जिला में घाघरा नदी के समीप के क्षेत्र तथा बांका में शंभुगंज क्षेत्र में गंगा नदी के समीप संभावित विकल्पों से संयंत्र को जल की संभाव्यता के जांच के बाद अगली कार्रवाई की जानी है. जल संसाधन विभाग तकनीकी परीक्षण की प्रक्रिया पर कार्रवाई कर रहा है.
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