इस बार पुराने दावेदार के साथ कई नये चेहरे आयेंगे नजर
बांका. विधानसभा आम चुनाव से पूर्व नगर परिषद बांका में सभापति पद के लिए होने वाले उपचुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी है. यह चुनाव कहीं न कहीं आगामी विधानसभा चुनाव का भी रुख स्पष्ट कर सकता है. चूूंकि, पर्दे के पीछे से कई मोहरों पर इस पर दाव लगाया जा रहा है. जून में चुनाव की संभावना को लेकर दावेदारों की टीम गली-गली घूम रही है. परंतु, अबतक तिथि की अधिकारिक घोषणा राज्य चुनाव आयोग से नहीं होने की सूरत में चुनाव पर संशय की स्थिति भी बनी हुई. दरअसल, मामला हाईकोर्ट में चला गया है. कुछ लोगों का कहना है कि इसपर स्टे भी लग सकता है. यदि, ऐसा होता है तो ही चुनाव टल सकता है. अन्यथा जून में चुनाव होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. चुनाव आयोग का साफ निर्देश है कि छह माह के अंदर यहां चुनाव कराना है. बहरहाल, दावेदारों का चुनाव प्रचार प्रारंभ हो गया है. देखा जाय तो पूर्व सभापति और विगत चुनाव में मामूली अंतर से पराजित संतोष कुमार सिंह इस बार भी प्रबल दावेदारों में से एक माने जा रहे हैं. वह अपने समर्थकों के साथ वोटर को साधने में जुट गए हैं, सभी वार्ड पहुंच रहे हैं. मतदाताओं का रुख भांप रहे हैं. यद्यपि, उन्होंने बड़े-बड़े बैनर पोस्टरों के साथ अपनी दावेदारी घोषित कर दी है. विगत चुनाव में जहां उनका चुनाव कार्यालय था, वहां बैठकी भी जारी है. बालमुकुंद सिन्हा उर्फ मक्को प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं. उन्होंने पिछली बार अपने लिए हासिल किये मतों से सभी को आश्चर्य में डाल दिया था. इस बार भी उसी अंदाज में वह सक्रिय हैं. विगत चैती दुर्गा पूजा से ही उनका होर्डिंग और तोरण द्वार पर चुनावी चेहरा नजर आ रहा है. वह भी जगह-जगह बैठक कर रहे हैं और अपने खेमे को मजबूत कर रहे हैं. पूर्व सभापति अनिल सिंह के समर्थक भी सक्रिय है. उनकी भी तैयारी जोर पर है. वोट पर अपनी पकड़ को और मजबूत कर रहे हैं. पुराने चेहरे में कुणाल सिंह ने भी इस चुनाव के लिए कमर कस ली है. उनके समर्थकों का कहना है कि इस बार वह पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतर रहे हैं. नये चेहरे में इस बार विकास चैरसिया का नाम तेजी से दौड़ रहा है. विकास अभी वार्ड पार्षद हैं और भाजपा में नगर अध्यक्ष की कमान संभाले हुए हैं. इतना ही नहीं प्रखंड बीस सूत्री में भी जिम्मेदार पद को संभाल रहे हैं. माना जा रहा है कि श्री चौरसिया भी इस बार चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं.10 मार्च को पदमुक्त हुए थे तत्कालीन सभापति
होल्डिंग टैक्स के मामले में बीते 10 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग ने सुनवाई पूरी करते हुए तत्कालीन सभापति अनिल सिंह के पदमुक्त का फैसला सुनाया था. इसी के बाद यहां चुनाव की सुगबुगाहट प्रारंभ हो गयी है. हालांकि, इसके बाद फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. अभी सभापति का दायित्व उप सभापति डॉ विनिता प्रसाद निभा रही हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है