बौंसी. फाइलेरिया रोग की रोकथाम के लिए गुरुवार को मरीजों के बीच किट का वितरण किया गया. मौके पर फाइलेरिया के मरीजों को विकलांगता प्रमाण-पत्र भी दिया गया है. रेफरल अस्पताल के प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि करीब 15 मरीजों को फाइलेरिया किट और प्रमाण पत्र दिया गया है. मरीजों को इसके उपयोग करने की विधि और इससे बचाव की जानकारी भी दी गयी. रेफरल अस्पताल परिसर के सभागार में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी संजीव कुमार की मौजूदगी में फाइलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों के बीच बैठक कर उनसे बीमारी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी ली गयी और फाइलेरिया के बारे में बेहतर तरीके से बताया गया. बताया कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है. फाइलेरिया ग्रसित मरीज को मच्छर काटकर दूसरे को काटता है तो उसे भी फाइलेरिया हो जाता है. इसके लिए घरों में साफ-सफाई होना बहुत जरूरी है. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे जिससे मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सके. फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को किट जिसमें बाल्टी, टब, मग, तौलिया, एंटीफंगल क्रीम दिया गया. बताया गया कि इस कीट का प्रयोग जहां फाइलेरिया हुआ है टब में साबुन से अच्छी तरह से धोकर एंटीफंगल क्रीम लगाना है. इस मौके पर डॉक्टर रंजन कुमार, ऋषिकेश सिन्हा, पीरामल फाउंडेशन के सुमित कुमार सिंह, यूनिसेफ के सौरभ कुमार, स्वास्थ्य कर्मी आशीष कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
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