मॉनसून की पहली बारिश में ही कच्ची पथ से बहने लगा बालू
कटोरिया. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के शुभारंभ में महज 19 दिन शेष रह गए हैं. बावजूद इसके मेला की तैयारी धरातल पर कछुआ चाल में चल रही है. कच्ची पथ पर गंगा का महीन बालू डालने का कार्य हो या फिर पेयजल, शौचालय व स्नानागार आदि को दुरूस्त करने का कार्य या फिर सभी सरकारी धर्मशालाओं व पर्यटन विभाग के कैफेटेरिया में सभी सेवाओं व सुविधाओं को अपडेट करने का कार्य, वर्तमान में तैयारी की गति संतोषजनक नहीं है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा सभी विभागों को समय पर तैयारियों को अंतिम रूप देने का टास्क दिया गया है. इधर मॉनसून की पहली व रिमझिम बारिश में ही कच्ची पथ को सुगम बनाने के उद्येश्य से डाला जा रहा गंगा का महीन बालू बहना भी शुरू हो गया है. जिससे कहीं कच्ची पथ कीचड़मय, तो कहीं पथरीला भी नजर आ रहा है. बांका जिला अंतर्गत 55 किलोमीटर कच्ची कांवरिया मार्ग में पीएचइडी के स्थायी शौचालय व पेयजल संरचनाओं को उपयोग लायक बनाने का कार्य भी धीमी गति से हो रहा है. चूंकि श्रावणी मेला में प्रतिदिन कांवर यात्रा करने वाले देश-विदेश के शिवभक्तों को सबसे जरूरी सेवाओं में ठहराव, सुगम कच्ची पथ, पेयजल, शौचालय, स्नानागार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोशनी, स्वच्छता आदि की व्यवस्था शामिल हैं. जिन्हें मेला शुरू होने से पहले यानि 11 जुलाई से पहले तक धरातल पर बेहतर ढंग से अपडेट करना होगा. हालांकि नए डीएम नवदीप शुक्ला द्वारा पदभार ग्रहण के बाद ही कच्ची कांवरिया पथ का धौरी से लेकर दुम्मा बॉर्डर तक निरीक्षण किया जा चुका है. डीएम के निर्देश पर प्रतिदिन विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंताओं व वरीय अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण का कार्य चल रहा है. लेकिन कांवरियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने को लेकर मेला की तैयारी को गति देने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है