बौंसी. झारखंड के देवघर व जामताड़ा इलाके में पिछले तीन-चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से चांदन डैम के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 से 25 क्यूसेक फीट पानी डैम में बढ़ जाने से इसका जलस्तर बढ़कर गुरुवार की शाम तक 495 क्यूसेक फीट हो गया है. डैम स्पील करने में महज 5 फीट दूर है. 500 क्यूसेक फीट पानी होने के बाद नदी में पानी डिस्चार्ज होने लगेगा. जुलाई माह में अच्छी बारिश होने से इस बार किसानों को जहां फायदा पहुंचा है. वहीं डैम के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से किसानों को खरीफ फसल में भी पटवन के लिए पानी मिल पायेगा. सिंचाई विभाग के अनुसार अगर गुरुवार और शुक्रवार को बारिश होती रही तो डैम से पानी नदी में डिस्चार्ज होने लगेगा. सिंचाई विभाग के अभियंता और कर्मियों के द्वारा लगातार डैम में बढ़ रहे जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. हालांकि डैम का जलस्तर बढ़ने से अभी फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
सिल्टेशन की वजह से जल्द भर रहा डैम
चांदन डैम गाद की वजह से जल्द पानी से भर जा रहा है. जानकारी हो कि चांदन जलाशय में अभी करीब 65 प्रतिशत तक गाद जमा हो गया है. इसके समाधान के लिए इसकी सफाई आवश्यक है. हालांकि चांदन डैम के गाद की सफाई के लिए 4 फरवरी 2025 को कैबिनेट में मोहर लगाकर इसे पास भी किया गया है. इसमें बताया गया है कि 10 वर्षों तक ड्रेसिंग के माध्यम से डिसिल्टेशन का कार्य किया जायेगा. इसमें सरकार को करीब 75 करोड़ 36 लाख रुपए के राजस्व की भी प्राप्ति होगी. गाद की वजह से पानी स्टोरेज की क्षमता बढ़ गयी है. पिछले 60 वर्षों से इसके गाद की सफाई नहीं हुई है. सफाई के बाद पुनः 110000 क्यूसेक पानी का भंडारण हो सकेगा. जिससे 36000 हेक्टेयर जमीन पर किसान हर मौसम में फसल उपजा सकेंगे. गाद भर जाने से डैम के पानी से पटवन की क्षमता अभी महज 45000 एकड़ फीट में ही रह गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है