Bihar News: बेगूसराय. वर्षों से बंद पड़े उलाव एयरपोर्ट पर एक बार विमानों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद जगी है. शनिवार को इस हवाई पट्टी पर एवरडेलिवर लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के एयरक्राफ्ट PC12VT-SKJ की लैंडिंग हुई. जिला प्रशासन की अनुमति के बाद कोलकाता से आया विमान यहां सफलता पूर्वक उतरा. बताया जाता है कि कंपनी के एकाउंट मैनेजर एस मुखर्जी ने 7 जुलाई, 2025 को बेगूसराय प्रशासन से मांगी गई थी. जिला प्रशासन ने आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं, जिनमें एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन और सुरक्षा के लिए पुलिस बल शामिल थे.
करीब चार घंटे तक रनवे पर रहा विमान
जिला प्रशासन ने उलाव हवाई पट्टी पर एक एयरक्राफ्ट के लैंडिंग की अनुमति प्रदान की, जो कोलकाता एयरपोर्ट से प्रस्थान कर 10 बजे पूर्वाह्न में उलाव एयरपोर्ट पर उतरा. इस एयरक्राफ्ट में 8 यात्री सवार थे, जो बाद में 02:00 बजे अपराह्न में कोलकाता के लिए रवाना हो गए. लोगों का मानना है कि उलाव हवाई पट्टी पर एयरक्राफ्ट की लैंडिंग एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र में औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. बेगूसराय एयरपोर्ट, जिसे उलाव एयरपोर्ट भी कहा जाता है, एक छोटा एयरपोर्ट है जो बेगूसराय जिले में स्थित है. यह हवाई अड्डा बिहार सरकार के स्वामित्व में है और वर्तमान में यहां कोई नियमित उड़ानें नहीं हैं. इस हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई 2527 फीट है, जो छोटे विमानों के लिए उपयुक्त है.
एयरपोर्ट के विमास के लिए खर्च हो रहे 40 करोड़
हवाई अड्डे के विकास की योजनाएं के तहत बिहार सरकार बेगूसराय में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की योजना बना रही है, जो क्षेत्र की हवाई कनेक्टिविटी में सुधार कर सकता है. सरकार ने उलाव हवाई अड्डे के स्थल अध्ययन के लिए 40.75 लाख रुपये की राशि निर्धारित की है, जो भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा. बेगूसराय में हवाई अड्डे के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था और उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर बरौनी रिफाइनरी, पेप्सी प्लांट, सुधा डेयरी और थर्मल पावर स्टेशन जैसे बड़े उद्योगों के लिए. इसके अलावा, सिमरिया धाम जैसे धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है.
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