– क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक भागलपुर सुधीर कुमार एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने गरुड़ों को रिलीज किया
वरीय संवाददाता, भागलपुर
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वन प्रमंडल भागलपुर के गरुड़ बचाव एवं पुनर्वास केंद्र से स्वस्थ हुए 10 गरुड़ (ग्रेटर एडजुटेंट) को उनके प्राकृतिक अधिवास में छोड़ा दिया गया. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक भागलपुर सुधीर कुमार एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी श्वेता कुमारी ने गरुड़ को रिलीज किया. पदाधिकारियों ने बताया कि सुंदरवन स्थित गरुड़ बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का प्राकृतिक पर्यावरण गरुड़ों के लिए एक सुरक्षित स्थान है. केंद्र में घायल गरुड़ों का इलाज किया जाता है. केंद्र यह भी सुनिश्चित करता है कि लोग गरुड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाए और उन्हें सुरक्षित रखा जाये. कदवा दियारा में गरुड़ सेविका महिला संगठन भी है जो गरुड़ों को संरक्षित करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं. उन्हें समय समय पर प्रोत्साहित भी किया जाता है. भागलपुर का गरुड़ बचाव एवं पुनर्वास केंद्र एशिया का एकमात्र गरुड़ पुनर्वास केंद्र है. जहां घायल या बीमार गरुड़ों का इलाज कर उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाता है.
कदवा दियारा गरुड़ों का प्रजनन क्षेत्र :
नवगछिया के कदवा दियारा में गुरुड़ प्रजनन क्षेत्र है. इस क्षेत्र में पीपल, बरगद और कदंब जैसे पेड़ अधिक होने के कारण, गरुड़ों के लिए यह एक उपयुक्त स्थान है. भागलपुर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा गरुड़ प्रजनन केंद्र है. वन प्रमंडल भागलपुर और स्थानीय संगठन गरुड़ों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं, ताकि लोगों को उनके महत्व और संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त हो. इस अवसर पर इस अवसर पर पशु चिकित्सा पदाधिकारी संजीत कुमार, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी रूपम कुमार सिंह, वनपाल सोनी कुमारी, वनरक्षी अमरेश कुमार, रूपेश कुमार सिंह, मो मुमताज, मो अखतर, डॉल्फ़िन मित्र योगेन्द्र महलदार, महेंद्र, संतोष, नागो, अर्जुन, विष्णु, गोरे, राजेंद्र, गरुड़ सेवियर राजीव एवं अन्य मौजूद थे.
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