भागलपुर दहेज की मांग पूरी न होने पर अपनी पत्नी सविता देवी की हत्या करने के दोषी बलराम मुनि को बुधवार को एडीजे 15 सुरेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी. कोर्ट ने बलराम मुनि पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही आदेश दिया कि जुर्माना न भरने पर उसे तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि बलराम मुनि ने पहले जेल में जो समय बिताया है, उसे सजा की अवधि में समायोजित किया जायेगा. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से अपील की कि बलराम अपने माता-पिता की देखभाल करने वाला एकमात्र व्यक्ति है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाये. वहीं, सरकार की ओर से बहस में शामिल हुए अपर लोक अभियोजक काशी नाथ मिश्रा ने तर्क दिया कि बलराम ने पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है, इसलिए उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
यह मामला खगड़िया जिले के सोनडीहा पसराहा के रहने वाले साजन कुमार द्वारा 2 जून 2023 को दर्ज कराया गया था. साजन ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन सविता देवी की शादी पूर्व नारायणपुर नंदलालपुर कहलगांव के बलराम मुनि के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल वाले सविता पर दहेज के लिए दबाव बना रहे थे. आरोप के अनुसार, बलराम ने सविता से दो लाख रुपए दहेज में लाने को कहा था. जून 2023 में बलराम मुनि ने साजन को फोन कर जानकारी दी कि सविता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. जब साजन सविता के ससुराल पहुंचा तो उसने अपनी बहन को चौकी पर मृत पाया. इसके बाद साजन ने बलराम मुनि और उसके परिवार के सदस्यों पर सविता की हत्या करने की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कराया था.
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