– रेलवे स्टेशन पर 6.84 करोड़ रुपये सेवा शुल्क का है बकाया- नप की ओर से भेजी जा रही है नोटिस, राशि मिलने पर विकास को मिलेगी गति
शुभंकर, सुलतानगंजरेलवे स्टेशन पर छह करोड़ 84 लाख 15 हजार 188 रुपये का सेवा शुल्क नगर परिषद का बकाया है. सुलतानगंज नप क्षेत्र के अंतर्गत रेलवे परिसंपत्तियों के लिए सेवा शुल्क भुगतान 12 वर्ष से नहीं हुआ है, जिससे सेवा शुल्क बढ़ कर छह करोड़ से अधिक हो गया है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि पत्र भेज कर सेवा शुल्क भुगतान करने की बात कही है.–
पहली बार गणना में 4.30 करोड़ तय हुआ था सेवा शुल्क
नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत रेलवे परिसंपत्ति सेवा कर निर्धारण की गणना कर पहली बार 4.30 करोड़ तय किया गया था. रेलवे परिसंपत्ति की गणना टैक्स कर्मी ने किया था. नप क्षेत्रांतर्गत रेल का रिक्त भूखंड, निर्मित गैर आवासीय भवन का क्षेत्रफल के आधार पर नियमानुसार वार्षिक सेवा कर निर्धारण किया गया था. वर्ष 2013-14 से वर्ष 2021-22 तक अद्यतन कुल बकाया चार करोड़ 30 लाख 29 हजार 504 रुपये हुआ था, जो 12 वर्ष में 6.84 करोड़ हो गया.–27 लाख 32 हजार 827 वर्ग फीट का सेवा शुल्क है बाकी
नप कर्मी सुभाष कुमार ने बताया कि रेलवे का क्वार्टर 25 हजार 200 स्क्वायर फीट, रेलवे ट्रैक और जमीन 25 लाख 66 हजार 43 स्क्वायर फीट व भवन का एक लाख 41 हजार 584 स्क्वायर फीट का सर्वे किया गया है. 27 लाख 32 हजार 827 वर्ग फीट का सेवा शुल्क लंबे समय से बाकी है.–
सरकारी कार्यालयों में सेवा शुल्क भुगतान को भेजा पत्र
नप क्षेत्र के 11 सरकारी कार्यालयों पर 14 करोड़ 73 लाख 32 हजार आठ सौ रुपये कर बाकी है, जिसमें विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल, विद्युत संचरण अवर प्रमंडल, खादी ग्रामोद्योग संघ, पथ परिवहन निगम, दूरसंचार निगम, अवर प्रमंडल लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, भारतीय रेल, कृषि उत्पादन बाजार समिति, बिहार सरकार बीडीओ, मुरारका कॉलेज व रेफरल अस्पताल शामिल है. नप से नोटिस जारी कर सेवा शुल्क भुगतान की मांग की जा रही है.–बकाया राशि आने से आंतरिक संसाधन होगा मजबूत
नप ईओ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि बकाया राशि आने के बाद नप का आंतरिक संसाधन सुदृढ़ होगा. नप क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी. सेवा शुल्क निर्धारण व वसूली का प्रावधान नगर पालिका अधिनियम के तहत है. हाइकोर्ट के आदेश पर संपत्ति कर का 33.33 फीसदी सेवा शुल्क देय है. बकाया सेवा शुल्क भुगतान के लिए पूर्व में भी कई बार पत्र भेजा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है