भागलपुर टीएमबीयू में पेंशनर का दर्द एक के बाद एक सामने आ रहा है. विवि से सेवांत लाभ के अलग-अलग मद में करीब 46 लाख रुपये बकाये का भुगतान अबतक नहीं किया है. सबौर कॉलेज की पूर्व प्रभारी प्राचार्या प्रो डॉ कामिनी दुबे ने बताया कि कॉलेज मैं ईमानदारी व सेवा भाव के साथ काम किया. कॉलेज स्तर से ही विद्यार्थियों से जुड़े मामले का निष्पादन करते थे. निष्ठा से काम करने का नतीजा मिला कि सेवांतलाभ के अलग-अलग मद की राशि विवि से नहीं भुगतान किया गया. बताया कि कॉलेज से 30 नवंबर 2023 को सेवानिवृत्त हुए है. विवि से पेंशन का भुगतान तो किया जाता है, लेकिन दस फीसदी राशि काटकर. सेवांत लाभ में भी दस फीसदी राशि काट कर दी गयी. बकाया राशि को लेकर आवेदन दिया, नहीं हुई सुनवाई बताया कि विवि में एरियर सहित अन्य मद में बकाया राशि को लेकर आवेदन दिया, लेकिन मामले में सुनवाई नहीं हुई. विवि जाने पर पदाधिकारी व कर्मचारी नहीं सुनते हैं. बताया कि एरियर के रूप में 1987 से 2015 तक के बकाया राशि लगभग 35 लाख बकाया है. 2016 से नवंबर 2023 तक सातवें वेतन के एरियर की राशि पांच लाख, सेवांत लाभ के दो लाख व अवकाश मद में चार लाख बकाया है. बताया कि विवि से समय-समय पर दो प्रमोशन मिले, लेकिन बढ़े वेतन के डिफरेंस और छठे एवं सातवें वेतन की बढ़ी राशि के एरियर के बिल 2021 में ही विवि में जमा है, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं मिला. बीमार भी रहने लगी हूं, विवि नहीं जा पाते प्रो कामिनी दुबे ने बताया कि कई प्रकार की बीमारियों से जूझ रही हूं. ऐसे में विवि नहीं जा पाती हूं. बताया कि इलाज को लेकर रुपए की दिक्कत सामने आ रही है. पेंशन भी समय से नहीं मिल पाता है. ऐसे में बच्चों के आगे हाथ फैलाना पड़ता है. इससे शर्मिंदगी महसूस होती है. बताया कि अब विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने में असमर्थ हो जाती हूं. कई बार विश्वविद्यालय गई हूं, लेकिन आज तक फाइल आगे नहीं बढ़ी.
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