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bhagalpur news .बिहपुर तिहरा हत्याकांड व दुष्कर्म मामले में छठे अभियुक्त को आजीवन कारावास

बिहपुर में वर्ष 2017 में घटित तिहरा हत्याकांड और नाबालिग के साथ गैंगरेप मामले के दोषी पाये गये छठे अभियुक्त को शुक्रवार को सजा सुनायी गयी.

25 नवंबर 2017 को बिहपुर में एक महादलित परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी

– बाले उर्फ बलराम राय, मोहन सिंह, मो महबूबा उर्फ महबूब, कन्हैया झा उर्फ रोहित को 20 नवंबर 2019 को मिली थी सजा

– 28 मई 2022 को कांड के पांचवें अभियुक्त अमन कुमार झा को सुनायी गयी थी आजीवन कारावास की सजा

संवाददाता, भागलपुर

बिहपुर में वर्ष 2017 में घटित तिहरा हत्याकांड और नाबालिग के साथ गैंगरेप मामले के दोषी पाये गये छठे अभियुक्त को शुक्रवार को सजा सुनायी गयी. इसमें आरोपित मो सद्दाम को आजीवन कारावास के साथ विभिन्न धाराओं में कुल एक लाख 65 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी गयी है. मामले में शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे 7 की अदालत ने अपना फैसला सुनाया. इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से पॉक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक नरेश प्रसाद राम और जयकरण गुप्ता ने बहस में हिस्सा लिया. उक्त मामले में पूर्व में कोर्ट ने पांच अभियुक्तों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. चार अभियुक्त बाले उर्फ बलराम राय, मोहन सिंह, मो महबूबा उर्फ महबूब, कन्हैया झा उर्फ रोहित को 20 नवंबर 2019 को सजा सुनायी गयी थी. जबकि 28 मई 2022 को कांड के पांचवें अभियुक्त अमन कुमार झा को सजा सुनायी गयी थी.

विभिन्न धाराओें में मिली सजा एक साथ चलेंगी :

धारा 302 (हत्याकांड) में आजीवन कारवास के साथ 50 हजार रुपये का अर्थदंड. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास.

पॉक्सो एक्ट की धारा 5(जी)/6 के तहत आजीवन कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माना. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास.

धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत 10 साल कठोर कारावास के साथ 25 हजार रुपये जुर्माना. जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास.

धारा 226 के तहत 10 साल कठोर कारावास के साथ 25 हजार रुपये जुर्माना. जुर्माना की राशि जमा नहीं कराने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास.

धारा 148 (घातक हथियार का इस्तेमाल कर हत्या) के तहत 3 साल कठोर कारावास के साथ 5 हजार रुपये जुर्माना. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास.

धारा 456 (अपराध की नीयत से घर में घुसना) के तहत 3 साल कठोर कारावास के साथ 5 हजार रुपये जुर्माना. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास.

एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(वीए) के तहत 3 साल कठोर कारावास के साथ 5 हजार रुपये जुर्माना. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास.

क्या था मामला :

विगत 25 नवंबर 2017 को अज्ञात अपराधियों ने बिहपुर में एक महादलित परिवार के तीन सदस्यों की बेरहमी से हथियार से काट कर हत्या कर दी थी. परिवार के जिंदा बचे पुत्र ने अपने पिता, माता और एक भाई की हत्या को लेकर केस दर्ज कराया था. अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम, जानलेवा हमला, हत्या, हत्या की साजिश आदि आरोप में दर्ज किया गया था. हत्याकांड में हत्यारों के हमले में बुरी तरह जख्मी हालत में जिंदा बची किशोरी ने उपचार के कुछ दिनों बाद होश में आने पर तत्कालीन नवगछिया एसपी के समक्ष चौंकाने वाला बयान दिया था. किशोरी ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की बात का उल्लेख किया था. उसके बयान बाद केस में पाॅक्सो की धारा भी लगायी गयी थी. नवगछिया पुलिस ने पांच फरवरी 2018 को बलराम राय उर्फ काले राय, मोहन सिंह, कन्हैया झा उर्फ रोहित, मो महबूबा उर्फ महबूब पर आरोप पत्र दाखिल किया था. शेष आरोपित अमन कुमार झा, मो सद्दाम, सालो सहनी उर्फ संजीव कुमार सिंह पर भी आरोप पत्र दाखिल किया था. आज भी जब पीड़ित किशोरी से जब कोई घटना के बारे में जानकारी लेने का प्रयास करता है तो वह सहम जाती है. उस वक्त यह बात सामने आयी थी कि पांच घंटे तक अपराधियों ने उक्त घर में तांडव मचाया था.

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