टीएमबीयू के पीजी इतिहास विभाग पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में है. इसी कड़ी में इतिहास विभाग के शिक्षक प्रो अमरकांत सिंह ने राजभवन में विभाग में जूनियर को विभागाध्यक्ष बनाने का आरोप लगा लिखित शिकायत की है. उन्होंने आवेदन में कहा कि विवि सेवा आयोग के वरीयता सूची में मेरा नाम दूसरे नंबर पर है. जबकि जिन्हें विभाग का विभागाध्यक्ष बनाया गया है, उनका वरीयता सूची में नाम चौथे नंबर पर है. प्रो अमरकांत सिंह ने कहा कि मामले में राजभवन से 20 जुलाई तक कोई फैसला नहीं आता है, तो मामले को लेकर कोर्ट के शरण में जायेंगे. बताया कि कुलपति के कार्यकाल में मारवाड़ी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य रहे प्रो केसी झा को पीजी कॉमर्स विभाग का हेड बनाया गया था. एमएएम कॉलेज की शिक्षिका प्रो सुदामा यादव को पीजी रूरल इकोनॉमिक्स विभाग का हेड बनाया गया. उसी तरह कई और कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य को पीजी विभाग का हेड बनाया जा चुका है. कहा कि मुरारका कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य पद पर रहते हुए अपने से जूनियर को इतिहास विभाग का हेड बनाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराते हुए विवि में आवेदन भी दिया था. राजभवन को लिखे आवेदन में कहा कि विवि प्रशासन की इस तरह की कार्यशैली से दुखी हूं. विवि प्रशासन ने तीन माह पहले कॉलेज से पीजी इतिहास विभाग में शिक्षक के रूप में स्थानांतरित किया गया है. कहा कि विभाग में जूनियर के मार्ग निर्देशन में काम करना पड़ रहा है. विभाग में योगदान देने के बाद एक बार फिर से विवि प्रशासन को आवेदन देकर पुन: विभागाध्यक्ष को लेकर नियुक्त करने का आग्रह किया था, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उन्होंने मामले को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व कुलपति को आवेदन दिया है. साथ ही अपने सीनियर होने का संबंधित दस्तावेज भी राजभवन को भेजा है.
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