भागलपुर के पूर्व सदर एसडीओ कुमार अनुज पर बागबाड़ी में दुकान आवंटन सहित अन्य आरोपों को लेकर बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्रवाई की है. अनुशासनिक प्राधिकार के निर्णय पर तीन वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकने के साथ निंदन का दंड दिया गया है. कुमार अनुज भागलपुर के सदर एसडीओ के साथ-साथ कृषि उत्पादन बाजार समिति (वि) बागवाड़ी के विशेष पदाधिकारी भी थे. वर्तमान में वे वैशाली के वरीय उपसमाहर्ता हैं. उन्हें दंडित करने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने पत्र जारी कर भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम को भी भेजा है.
क्या लगा था आरोप
श्री अनुज के विरुद्ध कृषि उत्पादन बाजार समिति (वि), बागवाड़ी में दुकान व गोदाम के आवंटन में अनियमितता बरतने और कुछ शिक्षकों को शिक्षा विभाग के प्रावधानों के विपरीत गैर शैक्षणिक कार्य के लिए प्रतिनियुक्त करने का आरोप लगा था. दुकान आवंटन से पहले भागलपुर शहर से अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े स्तर का अभियान श्री अनुज ने चलाया था. बागबाड़ी में कई दुकानदारों ने दुकानें खोल भी ली थी. इस मामले में काफी हंगामा हुआ था और फिर कुमार अनुज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई. फिर तत्कालीन डीएम ने आरोप पत्र गठित कर विभाग को उपलब्ध कराया था. दंडादेश के विरुद्ध श्री अनुज द्वारा अपना पक्ष लगभग एक वर्ष तीन महीने के बाद समर्पित किया गया.विभागीय जांच में क्या पाया गया
अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा श्री अनुज के विरुद्ध आरोप, संचालन पदधिकारी से प्राप्त जांच व कारण पृच्छा की समीक्षा की गयी. पाया गया कि कृषि उत्पादन बाजार समिति (वि), बागवाड़ी में दुकान व गोदाम के आवंटन के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. आवंटन का शर्तनामा निर्गत किया गया. कृषि विभाग द्वारा आवंटन के संदर्भ में विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किया गया. उक्त दिशा निर्देशों के अनुसार ही दुकानों व गोदामों का आवंटन किया जाना चाहिए था, जो आरोपित पदाधिकारी द्वारा नहीं किया गया. किराया निर्धारण में भी लापरवाही दिखी. शिक्षा विभाग के आदेश के विरुद्ध जाकर दुकानों व गोदामों के आवंटन में शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया. एक ही परिवार के दो लोगों को दुकानों व गोदामों का आवंटन किया गया, जो नियमानुकूल नहीं पाया गया. विकास मित्र के चयन में भी त्रुटि थी.सैंडिस कंपाउंड मामले में भी कुमार अनुज के खिलाफ कार्रवाई
पूर्व सदर एसडीओ कुमार अनुज के खिलाफ सैंडिस कंपाउंड के मामले में भी सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्रवाई की है. निंदन के साथ दो वेतनवृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक दी गयी है. श्री अनुज के विरुद्ध जिलाधिकारी ने आरोप पत्र गठित कर विभाग को उपलब्ध कराया था. सैंडिस कंपाउंड स्टेडियम परिसर में कराये गये कार्यों के लिए कोई प्राक्कलन, निविदा आदि प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने, अपने पद का दुरुपयोग कर बगैर समिति की बैठक आयोजित किये और बिना सक्षम प्राधिकार की पूर्वानुमति के स्टेडियम में सिविल निर्माण संबंधी कार्य करने, जिससे उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना होने व अवैध निर्माण संबंधी कार्य कराने के आरोप लगे थे. इस मामले की संचालन पदाधिकारी के रूप में भागलपुर के प्रमंडलीय आयुक्त ने जांच की थी. जांच रिपोर्ट में इनके विरुद्ध गठित सभी छह आरोपों को प्रमाणित पाया गया. समीक्षा के बाद पाया गया कि आरोपित पदाधिकारी ने स्वीकार किया है कि सैंडिस कंपाउंड परिसर व स्टेडियम में सक्षम प्राधिकार की पुर्वानुमति के बिना, बिना कोई प्राक्कलन व निविदा के अंगिका कप के आयोजन के लिए अस्थायी कार्य जनसहयोग के माध्यम से कराया गया है, जबकि उच्च न्यायालय द्वारा इस परिसर के अंदर नव निर्माण कार्यों पर रोक लगायी गयी थी.
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