– चार दिवसीय खरीफ शोध अनुसंधान परिषद का सफल समापन
= कुल 192 शोध परियोजनाओं का हुआ मूल्यांकनप्रतिनिधि, सबौर
बीएयू सबौर में अनुसंधान परिषद की बैठक में शोध और नवाचार में कृषि के बदलते परिदृश्य अनुसंधान की दिशा और दृष्टि पर केंद्रित संवाद हुआ. बैठक में कुल 192 शोध परियोजनाओं का मूल्यांकन हुआ एवं धान की चार नवीन किस्मों का विमोचन किया गया. समापन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ डीआर सिंह ने खाद्य और पोषण सुरक्षा को समय की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय स्तर पर एक पोषण केंद्रित मेगा प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी. जिसमें सभी कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी. निदेशक अनुसंधान डॉ अनिल कुमार सिंह ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वह अपने अनुसंधान कार्यों को प्रयोगशाला से खेतों तक पहुंचाने की दिशा में ठोस रणनीति अपनाएं ताकि किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके.
बीएयू में अनुसंधान कार्य सुव्यवस्थित रूप से संचालित किये जा रहे हैं
बैठक में बीएयू सबौर के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित धान की चार उच्च उत्पादक एवं जलवायु अनुकूल किस्म का विमोचन भी किया गया जो बिहार के किसानों को अधिक उत्पादन, बेहतर गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधकता जैसे लाभ प्रदान करेगी. निदेशक अनुसंधान ने परिषद के बैठक की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि बीएयू में अनुसंधान कार्य पांच प्रमुख विषयगत विभागों के अंतर्गत सुव्यवस्थित रूप से संचालित किये जा रहे हैं. जिसमें बिहार की कृषि को वैज्ञानिक टिकाऊ और बाजार संवेदनशील प्रणाली के रूप में स्थापित किया जा सके.समापन समारोह में कुलपति ने वैज्ञानिकों विभागाध्यक्षों, केवीके प्रतिनिधियों और तकनीकी अधिकारियों को उनके सक्रिय एवं रचनात्मक योगदान के लिए बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि यह शोध प्रयास निकट भविष्य में राज्य की कृषि को नई दिशा, रफ्तार और वैश्विक पहचान देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है