– प्रभात खबर लीगल काउंसलिंग में अधिवक्ता निरंजन कुमार ने पाठकों को दी कानूनी सलाहसंवाददाता, भागलपुरप्रभात खबर कार्यालय में रविवार को आयोजित लीगल काउंसलिंग में भागलपुर व्यवहार न्यायालय के वरीय युवा अधिवक्ता निरंजन कुमार ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून के सकारात्मक पहलुओं को रखा. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून सिर्फ कानूनी व्यवस्था नहीं, बल्कि यह समाज में बदलाव का जरिया भी है. बिहार सरकार की यह नीति राज्य में सामाजिक सुधार और पारिवारिक स्थिरता की दिशा में बड़ा कदम है. शराबबंदी लागू होने के बाद महिलाओं को घरेलू हिंसा से राहत मिली है, गरीब तबके के परिवारों में खर्च पर नियंत्रण आया है और बच्चों की शिक्षा पर सकारात्मक असर पड़ा है. निरंजन कुमार ने कहा कि शराब के नशे में किए जाने वाले अपराधों में कमी आई है. खासकर ग्रामीण इलाकों में इसका व्यापक असर देखा गया है. पहले जहां हर टोले-मुहल्ले में शराब की दुकानें थीं, आज वहां जागरूकता और संयम का माहौल बन रहा है. उन्होंने यह भी माना कि इस कानून के क्रियान्वयन में कई व्यावहारिक दिक्कतें हैं. कुछ जगहों पर गलत तरीके से केस दर्ज किए जा रहे हैं या फिर अवैध शराब का धंधा जारी है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कानून असफल है. बल्कि जरूरत इस बात की है कि इसे और पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से लागू किया जाए. कानून की सफलता केवल सरकारी सख्ती से नहीं, बल्कि समाज की भागीदारी और जागरूकता से तय होती है. शराबबंदी कानून उसी दिशा में एक सकारात्मक पहल है. लीगल काउंसलिंग में बड़ी संख्या में पाठकों ने कानूनी सलाह ली. प्रस्तुत है कुछ प्रमुख प्रश्न और उसके उत्तर…
घर के पास बोरिंग करवा रहे थे. पड़ोसियों ने पुलिस को फोन कर दिया. मौके पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारी ने अभद्र व्यवहार किया और तमाचा मार दिया, जिसका वीडियो भी है, क्या करना चाहिए ?चिंतामणि उर्फ मुस्कान, जगदीशपुर
उत्तर – सबसे पहले पुलिस के वरीय पदाधिकारियों से सभी साक्ष्यों के साथ शिकायत करें. अगर कार्रवाई नहीं होती है तो न्यायालय में आ कर नालसीवाद दायर करें? मेरे नाना ने दो शादी की थी. मेरी मां उनके पहले घर की पुत्री है, लेकिन नाना की पैतृक संपत्ति में मेरी मां को हिस्सा नहीं दिया गया और उल्टे प्रताड़ित किया गया, क्या करना चाहिए?अभिनय, अकबरनगर
उत्तर – आप सभी प्रकार के दस्तावेजों के साथ सिविल मामलों के किसी अच्छे अधिवक्ता से सलाह लें. अपनी पूरी बात रख कर न्यायालय में बंटवारा सूट दाखिल करने को कहें.मैं और मेरे अन्य दोनों भाइयों ने अपनी जमीन बिक्री की, लेकिन किसी के उकसावे में आकर विरोधियों ने मुझ पर गलत कबाला करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कर दिया है, क्या करना चाहिए?
जितेंद्र कुमार, प्रतापनगर, नवगछियाउत्तर. आप सभी प्रकार के दस्तावेजों के साथ किसी अच्छे वकील से सलाह लें और सर्वप्रथम जमानत लें फिर अपनी बात को कोर्ट में रखें. अगर आप सही होंगे तो न्याय मिलेगा ही. दो वर्ष पहले अपने ही दोस्त को डेढ़ लाख रुपया दिया. स्टांप पर एक एग्रीमेंट भी बनवाया था लेकिन अब पैसा लौटाने से इनकार कर रहा है, क्या करें?
किशोर कुमार, खरीकउत्तर. सर्वप्रथम आप अपने दोस्त को एक प्लीडर नोटिस वकील के माध्यम से भिजवा दें. संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो आप पहले प्राथमिकी दर्ज करें और रकम प्राप्त करने के सूट दाखिल करें.
वर्ष 1976 से मेरे पिता को एक एकड़ 50 डिसिमल का परचा मिला था. लेकिन शुरूआत से ही पूरी जमीन पर मेरा दखल नहीं हो सका. रसीद भी काफी कम जमीन का कटता है, क्या करें?वरूण कुमार चौधरी, मिल्की, नवगछिया
उत्तर – सबसे पहले आप परवाना के आधार पर जमीन की म्युटेशन करवाएं फिर आवश्यक दस्तावेजों के साथ किसी सिविल के अधिवक्ता से मिलें. सरकारी जमीन पर कब्जा करने के उद्देश्य से मिट्टी भराई करवाया जा रहा है क्या करें?रोहित, नवगछिया.
उत्तर – आप अंचलाधिकारी को विधिवत आवेदन दें, कार्रवाई अवश्य की जाएगी.मैं अपना व्यवसाय करता हूं और मेरी उम्र 25 वर्ष है. एक लड़की को प्रेम करता हूं, वह भी बालिग है. हमदोनों शादी करना चाहते हैं लेकिन घरवाले तैयार नहीं है, क्या करें ?अमरजीत, भागलपुरउत्तर – जब आप दोनों तैयार हैं और आर्थिक रूप से भी सबल हैं तो किसी की सहमति की जरूरत नहीं है. आप कानूनी रूप से शादी कर पति पत्नी की तरह रह सकते हैं. निश्चित रूप से आपका भविष्य सुखद और उज्जवल होगा. मैं भागलपुर में रह कर पढ़ाई करती हूं. तीन माह से एक लड़का मेरे पीछे लगा रहता है. मैंने उसे मना कर दिया है, इसके बावजूद वह बार बार प्रपोज करता है. मैं उस लड़के को बिल्कुल पसंद नहीं करती हूं, मुझे क्या करना चाहिए?
सपना (काल्पनिक नाम), भागलपुरउत्तर – आप महिला थाना जा कर मामले की शिकायत करें और राह चलते या किसी भी जगह अगर वह लड़का परेशान करें तो महिला हेल्प लाइन नंबर या फिर डायल 112 पर तुरंत शिकायत करें.
आधुनिक समय की जरूरतों के अनुरूप है नया आपराधिक कानून
अधिवक्ता निरंजन कुमार ने नया आपराधिक कानून पर सकारात्मक विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस कानून से न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और गति आयेगी, जिससे पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा. उन्होंने माना कि समाज में बढ़ते अपराधों को नियंत्रित करने और अपराधियों को समय पर सजा दिलाने के लिए यह प्रभावी कदम है. यह भी कहा कि कानून में जो संशोधन किए गए हैं, वे आधुनिक समय की जरूरतों के अनुरूप हैं और इससे पुलिस, अदालत और जनता के बीच विश्वास मजबूत होगा. यह बदलाव स्वागत योग्य है.सही तरीके से अनुसंधान न्याय की आधारशिला को करता है मजबूत
अनुसंधान की मजबूती ही न्याय का वास्तविक आधार होती है. अधिवक्ता निरंजन कुमार ने कहा कि पुलिस को पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर वैज्ञानिक अनुसंधान पर ध्यान देना चाहिए. इससे न सिर्फ जांच की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि निर्दोष लोगों को फंसने से भी रोका जा सकेगा. आधुनिक तकनीकों जैसे फॉरेंसिक साइंस, डीएनए परीक्षण, डिजिटल सबूतों का विश्लेषण आदि का इस्तेमाल न्याय प्रक्रिया को अधिक सटीक और प्रभावी बनाएगा. उन्होंने कहा कि अपराध के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के साथ-साथ सही तरीके से अनुसंधान करना ही कानून के शासन को मजबूत करता है. यही न्याय की बुनियाद है.
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