भाकपा-माले ने नीतीश सरकार की हालिया घोषणाओं को चुनावी दबाव बताते हुए आलोचना की है. पार्टी नगर प्रभारी एवं एक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जीविका कार्यकर्ताओं के मानदेय, महिला समूहों के कर्ज और निर्धन परिवारों को दो लाख रुपये की सहायता जैसे मुद्दों पर सरकार का रवैया गंभीर न होकर, केवल लोगों को भ्रमित करने का प्रयास है.
सरकार ने जीविका कार्यकर्ताओं के सरकार की ओर से मिलने वाली 1500 रुपये की राशि दोगुनी करने की घोषणा की है. जब स्वयं सरकार छह हजार रुपये मासिक आय तक के परिवारों को अतिनिर्धन मानती है, तब तीन हजार रुपये की आय पर जीवन यापन कैसे संभव है. यह न केवल मजाक है, बल्कि संघर्षरत कार्यकर्ताओं के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि बढ़ा हुआ मानदेय राज्य सरकार देगी या यह राशि जीविका समूहों पर ही डाल दी जायेगी. साथ ही आशा, आंगनबाड़ी और रसोइया कार्यकर्ताओं के लिए सरकार की ओर से कोई घोषणा न होना भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
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